भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि आने वाले तीन वर्ष में मध्यप्रदेश की तस्वीर बदलना है, अत: आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर अमल करते हुए विकास के लिए निरंतर प्रयत्न किये जायें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक शुरू होने के पहले मंत्रि-मंडल के सदस्यों से बात कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केंद्रीय बजट के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में डीएफआई (वित्तीय विकास संस्थान) के गठन की घोषणा की गई है। इससे दीर्घ-कालीन ऋण की व्यवस्था संभव होगी। राज्यों को राशि प्राप्त हो सकेगी। यह नई व्यवस्था मध्यप्रदेश के लिए हितकारी सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में जनता के कल्याण के लिए केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण प्रावधान किये गये हैं। मंत्री अपने विभाग से संबंधित जन-कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए अधिक से अधिक राशि प्राप्त करने का प्रयास करें। इसके लिए केंद्रीय मंत्रियों से नई दिल्ली जाकर कर भेंट भी करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) मंत्रि-परिषद के सदस्यों को अवगत करवाया कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए केंद्रीय बजट क्रांतिकारी है। बजट प्रावधानों का बेहतर उपयोग करें। इसके लिए मंत्री और विभाग स्तर पर प्रयास किये जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूंजीगत कार्यों के लिए किए गए प्रावधानों, कुपोषण दूर करने के लिए नए मिशन की शुरुआत, स्वस्थ भारत के लिए अधिक राशि का प्रावधान, 10 लाख से अधिक आबादी के नगरों के विकास के लिए प्रावधान, जल-जीवन मिशन, शहरी स्वच्छता मिशन आदि का लाभ उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उज्जवला योजना में प्रदेश के लिये अधिक से अधिक कनेक्शन प्राप्त करने के प्रयास किये जायें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्रीय बजट से अनेक क्षेत्रों में विकास के अवसर खुलेंगे। इस बजट में विभिन्न कार्यों के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। सोलर पंप स्थापित करने के लिए सहायता, पर्यटन और पुरातत्व के क्षेत्र में नवीन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राशि, सात नए टैक्सटाइल पार्क प्रारंभ करने की योजना का भी लाभ लिया जाए। इसी तरह रेल परियोजनाओं, मनरेगा आजीविका मिशन, नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत प्रदेश के लिए अधिक राशि प्राप्त करने के प्रयास किये जायें।
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य को पूरा करने में मददगार बनेगा केंद्रीय बजट
मुख्यमंत्री (Shivraj Singh Chauhan)चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रस्तुत आम बजट क्रांतिकारी और आत्म-निर्भर भारत के निर्माण का बजट है। केंद्रीय बजट में समाज के हर वर्ग के कल्याण का पूरा ध्यान रखा गया है। कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में बिगड़ी अर्थ-व्यवस्था को संभालने के लिए इस बजट में हर क्षेत्र के लिए अवसरों के नए द्वार खुले हैं। यह बजट संकट और आपदा को समाधान एवं अवसर में बदलने वाला बजट है।
छ: आधार स्तंभ करेंगे कल्याण
केंद्रीय बजट को 6 मुख्य भागों में बाँटा गया है। ये बजट के आधार स्तम्भ हैं। इनमें स्वास्थ्य, भौतिक और वित्तीय पूंजीगत अधोसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, नवप्रवर्तन अनुसंधान और विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए निर्धारित लक्ष्य केंद्रीय बजट में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बजट के आधार स्तंभ मध्य प्रदेश का कल्याण करेंगे। मध्यप्रदेश के आत्म-निर्भर रोड मैप के स्तंभों के समान ही, शिक्षा, स्वास्थ्य अधोसंरचना, अर्थ-व्यवस्था, रोजगार, सुशासन इत्यादि सभी महत्वपूर्ण सेक्टर केंद्रीय बजट में शामिल हैं।
श्री चौहान ने बताया कि केंद्रीय बजट में ‘मिनिमम गवर्मेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’ की बात कही गई है, जिसे मध्य प्रदेश के आत्म-निर्भर रोडमैप में सुशासन नाम दिया गया है। इस तरह आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के प्रमुख स्तंभ, केंद्रीय बजट के आधार स्तंभों से साम्य रखते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विभाग अपनी फ्लेगशिप परियोजनाओं के लिए बजट प्रावधानों की स्थिति देखें और ऐसी कार्य-योजना बनायें ताकि मध्यप्रदेश में इन योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी क्षमता से हो सके।
केन्द्रीय बजट की विशेषताएँ और मध्यप्रदेश -Features of Union Budget and Madhya Pradesh
प्रधानमंत्री आत्म-निर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 64 हजार करोड़ रूपए से अधिक की योजना प्रारंभ।
कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रूपए से अधिक का प्रावधान।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गत वर्ष के बजट से 137 प्रतिशत अधिक राशि, लगभग 2 लाख 23 हजार 846 करोड़ का प्रावधान।
भारत सरकार द्वारा नये पोषण मिशन की शुरूआत की जा रही है।
पूंजीगत कार्यों के लिये लगभग 5 लाख 50 हजार करोड़ का प्रावधान कर बजट में साढ़े 34 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इससे मध्यप्रदेश में अधोसंरचना के बड़े पूंजीगत कार्य कराने में लाभ मिलेगा।
भारत माला योजना में 8 हजार करोड़ रूपए। इससे अटल प्रोगेस-वे का क्रियान्वयन फास्ट ट्रेक में होगा।
शहरी इलाकों के लिए भी जल जीवन मिशन प्रारंभ।
पाँच वर्ष के लिए लगभग 01 लाख 41 हजार करोड़ की लागत से शहरी स्वच्छ भारत मिशन-2 प्रारंभ होगा।
बीस हजार करोड़ रूपये की अंशपूंजी से नया वित्तीय विकास संस्थान का गठन किये जाने से पूंजीगत योजनाओं के लिये दीर्घकालीन ऋणों की व्यवस्था हो सकेगी।
राज्यों को सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत तक उधार की सीमा बढ़ाई गई। इसके अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त उधार का भी प्रावधान किया गया है। इससे मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 13 हजार करोड़ रूपये से अधिक के अतिरिक्त पूंजीगत कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे।
उज्जवला योजना के अंतर्गत 01 करोड़ नये कनेक्शन दिये जायेंगे। इससे मध्यप्रदेश में भी लगभग 8 लाख नये कनेक्शन हितग्राहियों को दिये जा सकेंगे।
देश में 35 सौ करोड़ रूपये की लागत से डिजिटल जनगणना का कार्य कराया जायेगा।
आजादी की 75वीं सालगिरह पर 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न भरने से छूट प्रदान की गयी है।
देश के जनजातीय क्षेत्रों में 750 नये एकलव्य स्कूल खुलेंगे। सरकार द्वारा एकलव्य स्कूल की लागत 20 करोड़ रूपये प्रति स्कूल से बढ़ाकर अब 38 करोड़ रूपये प्रति स्कूल कर दी गयी है।
भारत में मेगा टेक्सटाइल पार्क योजना लांच की जायेगी और अगले 3 वर्षों में 7 नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे।
डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की 3 नयी योजनाएँ क्रियान्वित की जायेंगी, जिनमें से एक मध्यप्रदेश के इटारसी से आँध्रप्रदेश के विजयवाड़ा तक विकसित होगी।
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