कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने (Formation of the Bharatiya Janata Party government in West Bengal) पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) कौन बनेगा? इस बहुप्रतीक्षित सवाल का जवाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दिया है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बननी तय है और जरूरी नहीं कि निर्वाचित विधायक ही मुख्यमंत्री बने, बल्कि भारतीय जनता पार्टी का कोई भी बन सकता है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ दिनों पहले बंगाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी काफी सराहना की थी और कहा था कि बंगाल का सौभाग्य है कि दिलीप घोष जैसे व्यक्ति भाजपा के अध्यक्ष हैं। उसके बाद ही चर्चा होने लगी थी कि दिलीप घोष को बंगाल का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। घोष ने कहा है कि भाजपा के जीतने की स्थिति में जरूरी नहीं कि कोई निर्वाचित विधायक ही मुख्यमंत्री बने। मेदिनीपुर से सांसद घोष ने दावा किया कि पार्टी के पक्ष में पैदा हुई मजबूत लहर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान तक रहेगी। उन्होंने कहा,‘‘पहले चरण के मतदान के बाद सिर्फ भाजपा ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है, जबकि तृणमूल कांग्रेस और उसके नेता हताश हैं। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, भाजपा के पक्ष में बना माहौल और मजबूत होता जाएगा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को हार का एहसास होता चला जाएगा।’’
भाजपा ने केंद्रीय मंत्री बाबूल सुप्रियो सहित लोकसभा के तीन सदस्यों और एक राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता को विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। लेकिन घोष को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। घोष मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी फैसला पार्टी ही करेगी लेकिन यह जरूरी नहीं कि निर्वाचत विधायकों में से ही कोई मुख्यमंत्री बने। उन्होंने बताया कि जब ममता मुख्यमंत्री बनी थीं तब वह विधायक नहीं थीं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पहले चरण की 30 में से 26 सीटें जीतने के दावे का उल्लेख करते हुए घोष ने कहा कि राज्य की जनता अब स्वतंत्रतापूवर्क मतदान करने से डर नहीं रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पक्ष में मजबूत लहर है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोलकाता और इसके आसपास के जिलों में पार्टी की स्थिति कमजोर थी और पार्टी ने इन क्षेत्रों में बहुत काम किया और इसका असर अब चुनावों में दिखेगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को साड़ी की जगह बरमूडा (हाफ पैंट) पहनने वाले अपने बयान पर अपना बचाव करते हुए घोष ने कहा कि वह राज्य की मुख्यमंत्री हैं और राज्य की जनता बंगाल की परंपरा और बंगाल की महिला के मूल्यों के अनुरूप ही उनसे शालीनता की उम्मीद करती है। मुझे उनकी भाव-भंगिमा आपत्तिजनक लगी और राज्य की जनता को भी। सांसदों को विधानसभा के चुनाव मैदान में उतारे जाने के बारे में पूछने पर घोष ने कहा कि यह फैसला दर्शाता है कि वह चुनावों को लेकर कितनी गंभीर है और जनता के लिए कितनी प्रतिबद्ध। (एजेंसी, हि.स.)
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