भोपाल। लगातार कर्ज लेकर आर्थिक तंगी से जूझ रहा मध्यप्रदेश कंगाली की हालत में पहुंच गया है। प्रदेश के 200 निकायों में वेतन के लाले पड़े हुए हैं। साथ ही फंड के अभाव में विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। देवास में तो 3 माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। वहीं भोपाल में पैसों की कमी के चलते कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पिछले दिनों मंत्रालय में वित्त विभाग की बैठक ली थी, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला।
राजस्व बढ़ाने की ठोस पहल नहीं
नगरीय प्रशासन विभाग ने अपने बजट में कटौती की है, लेकिन राजस्व बढ़ाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की, जिसके चलते नगरीय प्रशासन सहित अन्य विभागों की वित्तीय स्थिति डगमगा गई है। किसानों को मुआवजा और ऋणमाफी सहित ऐसे कई आदेश देते हुए फंड का उपयोग शासन के अन्य कार्यों में किया गया, जिससे सिस्टम लडख़ड़ा गया।
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