नई दिल्ली (New Dehli)। भारतीय (Indian)स्टार्टअप का दुनियाभर में दबदबा (dominance)लगातार बढ़ रहा है. एशिया (Asia)महाद्वीप के बाहर ही भारतीStartup Rank: अमेरिका, चीन, ब्रिटेन के बाद इस फील्ड में भारत का दबदबा, दुनिया में होने लगी तारीफ
य स्टार्टअप्स (Startups)के 50 फीसदी से ज्यादा ग्राहक हैं.
स्टॉर्टअप को लेकर बड़ी कामयाबीस्टॉर्टअप को लेकर बड़ी कामयाबी
द पॉलिसी एडवाइजरी एंड रिसर्च फर्म स्टार्टअप जीनोम की नई रिपोर्ट से दुनियाभर में भारतीय स्टार्ट-अप सेक्टर की ताकत का नया रूप सामने आया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा स्टार्टअप वाला देश बन गया है. इस रिपोर्ट में उन देशों को शामिल किया गया है जिन्हें वेंचर कैपिटल इंवेस्टमेंट में 50 मिलियन डॉलर से ज्यादा फंड मिला है. इस लिस्ट में पहले तीन नंबर पर अमेरिका, चीन और ब्रिटेन हैं.
चौथे नंबर पर आकर भी भारत ने UK को पीछे छोड़ा
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 429 स्केलअप कंपनियां हैं, जिनका कुल वेंचर कैपिटल इंवेस्टमेंट 127 अरब डॉलर और संचयी तकनीकी मूल्य निवेश (Cumulative Technical Value Investment) 446 अरब डॉलर है. भारत ने इन दोनों ही इंवेस्टमेंट में युनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ दिया है. भारतीय स्टार्टअप का दुनियाभर में दबदबा लगातार बढ़ रहा है. एशिया महाद्वीप के बाहर ही भारतीय स्टार्टअप्स के 50 फीसदी से ज्यादा ग्राहक हैं.
घरेलू बाजार पर बढ़ा स्टार्टअप्स का फोकस
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका के अलावा ज्यादातर बड़े देश अपने लोकल बाजार पर ज्यादा ध्यान देते हैं. इनकी कारोबारी योजनाओं में देश के स्थानीय मार्केट्स पर ज्यादा फोकस किया जाता है. इसकी वजह है कि स्टार्टअप्स का कारोबारी मॉडल कुछ ऐसा है कि उनके लिए घरेलू मार्केट ग्रोथ का बड़ा जरिया है. वैसे भी घरेलू बाजार का साइज काफी बड़ा होता है जो अक्सर ग्लोबल मार्केट से ज्यादा मुनाफा देने में कामयाब हो जाता है. ऐसे में ग्लोबल मार्केट की जगह कई स्टार्टअप्स अपने देश पर ही फोकस रखते हैं.
ग्राहकों से सीधे जुड़े स्टार्टअप ज्यादा सफल
भारत में बिजनेस टू कस्टमर यानी बी2सी स्टार्टअप काफी ज्यादा सफल रहे हैं. इन स्टार्टअप ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करे बगैर भी अरबों डॉलर की फंडिंग हासिल की है. खास बात है कि इन स्टार्टअप ने भारत की सीमाओं को लांघे बिना देश में ही अपने कारोबार को विस्तार देने में कामयाबी हासिल की है. रिपोर्ट ‘लोकल कनेक्टिविटी इंडेक्स’ का कॉन्सेप्ट पेश करती है, जिसके मुताबिक भारत में हाई लोकल कनेक्टिविटी इंडेक्स वाले शुरुआती फेज के स्टार्ट-अप का रेवेन्यू कम इंडेक्स वाले स्टार्टअप के मुकाबले दोगुनी तेजी से बढ़ रहा है.
इसके अलावा रिपोर्ट ग्लोबल कनेक्शन पर भी फोकस करती है. एक स्ट्रॉन्ग ग्लोबल नेटवर्क डेवलप करने वाले स्टार्ट-अप में सीमित ग्लोबल कनेक्शन वाले स्टार्ट-अप के मुकाबले 3.2 गुना ज्यादा क्षमता है. ऐसे इकोसिस्टम जो सिलिकॉन वैली, न्यूयॉर्क और लंदन जैसे टॉप ग्लोबल सेंटर के साथ ज्यादा जुड़े हैं, उनके स्टार्ट-अप दुनियाभर में हाई ग्रोथ के साथ आगे बढ़ रहे हैं
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