मोहाली। वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) के चलते देश में लगे लाकडाउन की वजह से आज लाखों नौजवान बेरोजगार हो गए हैं। कई नौकरी चली गई तो किसी का कारोबार (business) पूरी तरह से चौपट हो गया, लेकिन कहते हैं कि व्यक्ति में हुनर हो तो कुछ भी मुमकिन नहीं हैं। ऐसा ही कहानी है पंजाब में मोहाली (Mohali in Punjab) के रहने वाले एक ऐसे ही शख्स की जो लॉकडाउन में नौकरी छूटने पर परेशान होने के बजाय एक ऐसे बिजनेस की शुरुआत की जो अपने आप में एक मिसाल बन गया।
बता दें कि यह धंधा है सिगरेट के बट्स का, ज्यादातर लोग सिगरेट पीने के बाद उसके फिल्टर को खराब समझकर कहीं भी फेंक देते हैं, लेकिन आज उसी फिल्टर को इकट्ठा कर ट्विंकल कुमार रौजी रोटी नहीं, बल्कि लाखों रुपये कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिगरेट के बट्स को रिसाइकिल कर उससे खिलौने, कुशन और मच्छर भगाने वाली दवाइयां तक तैयार की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि जब मेरी नौकरी छूटी तो मैं ज्यादातर समय यूट्यूब पर बिताने लगा। इसी दौरान मुझे सिगरेट रीसाइक्लिंग का आइडिया आया।
इसके बाद मैंने काफी रिसर्च की और आखिर में इस बिजनेस को शुरू करने का प्लान किया। मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती सिगरेट के फिल्टर्स को इकट्ठा करना। इसके लिए मैंने कई दुकानदारों से बात की और वहां कंपनी ने जुड़ी महिलाओं की तैनाती की। सभी को पहले-पहले सिगरेट के बट्स इकट्ठा करने में हिचक होती, लेकिन धीरे-धीरे इस काम में मजा आने लगा। उन्होंने बताया कि शाम तक जब ढेर सारे सिगरेट बट्स इकट्ठा हो जाते थे तो हम उसे रिसाइकिल करने के काम में जुट जाते इससे जो कुशन, खिलौने आदि बनते उन्हें हम मार्केट में बेच देते। धीरे-धीरे हमारा काम रफ्तार पकड़ने लगा। इसके बाद हमने थोड़ा पैसा इन्वेस्ट कर हर दुकान पर 1-1 बॉक्स रखवाए ताकि लोग सिगरेट पीने के बाद उसके फिल्टर को बॉक्स में डाल सकें इससे सिगरेट बट्स को इकट्ठा करना आसान हो गया और हम ज्यादा तेजी से प्रोडक्ट्स बनाने लगे इस काम में मेरे नोएडा में रहने वाले एक दोस्त ने भी काफी मदद की। आज मेरा यह व्यापार अच्छा चलने लगा है।
हालांकि यह कहानी ट्विंकल की ही नहीं है इससे पहले उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के नौवाड़ा गांव के रहने वाले दान सिंह दिल्ली मेट्रो में जॉब कर रहे थे, किन्तु लॉकडाउन के दौरान उनकी नौकरी चली गई। कई जगह उन्होंने काम की तलाश की, लेकिन कहीं मौका नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अपने गांव में ही पहाड़ी घास से हर्बल चाय बनाने का काम शुरू किया। दान सिंह ने इस घास से चाय बनाकर घर में सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों को पिलाया। उन्हें थोड़ी देर में ही इसका असर दिखने लगा। जल्द ही उनके प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ गई। आज वे लाखों रूपए कमा रहे हैं।
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