पेरिस । फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) द्वारा इस्लामी आतंकवाद (Islamic terrorism) को लेकर दिए बयान के बाद कई मुस्लिम देशों (Muslim countries) ने फ्रांस (France) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सऊदी अरब, कुवैत, जॉर्डन और कतर में फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार शुरू हो गया है। जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश में फ्रांस के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए हैं। इन सबके बावजूद फ्रांस (France) में कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई (Started action on fundamentalists) जारी है।
गौरतलब है कि फ्रांस में शिक्षक सैनुअल पेटी का गला काटकर हत्या करने के बाद से ही देश में सख्ती बरती जा रही है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने जब इस वारदात को इस्लामी आतंकवाद से जोड़ा तो तुर्की के राष्ट्रपति ने मुस्लिम देशों से फ्रांस के सामान का बायकॉट करने की अपील कर डाली। लेकिन इसके बाद भी फ्रांस ने इस्लामी आंदोलन में शामिल होने के आरोप में बड़े स्तर पर सर्विलांस कार्यक्रम चलाया हुआ है।
यहां सरकार ने न सिर्फ मस्जिदों में जांच अभियान चलाया बल्कि घरों और व्यावसायिक स्थानों समेत करीब 120 से ज्यादा जगहों पर जांचें की हैं ताकि इस्लामी आतंकवादियों की जांच की जा सके। इतना ही नहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यहां तक कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिससे आज पूरी दुनिया संकट में है। इसके विरोध में कई मुस्लिम देशों में प्रांस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
वहीं, इस सब के बीच पाकिस्तान ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के ईशनिंदा बयान पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए फ्रांस के राजदूत को तलब किया। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा कि राजदूत मार्क बरेली को विशेष सचिव (यूरोप) ने एक डोजियर सौंपा। वहीं पाक नेशनल असेंबली में सर्व सम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर फ्रांसी में ईशनिंदा और इस्लामोफोबिक कृत्यों की आलोचना की गई है ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved