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    खड़ी सोयाबीन फसल नष्ट होने की कगार पर

  • September 30, 2021

    • कई क्षेत्रों में अधिक बारिश होने से किसानों को संकट

    आगर मालवा। कोरोना की मार से परेशान किसानों के सामने एक बार फिर अधिक बारिश बड़ी मुसीबत बनकर सामने आने लगी है। क्षेत्र में हुई अधिक बारिश से खेतों में खड़ी सोयाबीन की पक चुकी फसल भी खराब हो चुकी है। ऐसे भी गांव है जहाँ फसल पकने के बाद खेतों में जल भराव की स्थिति होने से किसान फसल ना तो काट पाए और ना ही उस फसल का कोई उपयोग कर पाए जिसके कारण खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो गई। गौरतलब है कि इस वर्ष पहली बारिश में अधिकतर किसानों के द्वारा खेतों में बोवनी कर दी थी और कई किसानों ने प्र्याप्त बारिश के बाद बोवनी की थी, ऐसे में जिन्होंने पहले बोवनी कर दी उनकी फसल पकने के बाद खेतों में खड़ी तो हो गई, लेकिन कटाई करने से पूर्व ही बारिश लगातार होने से खेतों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई, ऐसे में किसान अपनी फसल काट पाता उससे पहले ही फसल खराब होने की स्थिति बन गई।



    जानकारी के अनुसार रावजी का बर्डा बरखेड़ा महारुंडी, सरंगा खेड़ी, श्यामगढ़, पिपलियाघटा, मंगवालिया, बिनायगा, भादवा का खेड़ा, मुनिया, नाहर खोयरा, पुरासाहब नगर सहित अनेक ग्राम में किसानों की सोयाबीन की फसल अधिक बारिश से खराब हो गई, जिसके कारण अधिकतर किसानों ने अपने खेतों में मवेशी भी छोड़ दिए और हकाई भी कर दी गई है। यहीं कारण है कि किसानों के चेहरों पर जहां चिंता की लकीर सॉफ नजर आने लगी है, वहीं अब भी ऐसे किसान है जिन्होंने अपनी सोयाबीन की बोवनी देर से की है वह अपनी अधपक्की फसलों के पकने का इंतजार कर रहे है। यदि अब भी बारिश का ऐसा ही रूख बना रहा तो यह फसले भी खराब होने की संभावना है।

    सोयाबीन के उत्पादन पर पड़ेगा असर
    चूंंकि क्षेत्र में सोयाबीन की फसल अधिक मात्रा में की जाती आ रही है और इस वर्ष भी किसानों ने औसतन 52.21 प्रतिशत बोवनी सोयाबीन फसल की ही की थी, लेकिन कुदरत का कहर की पहले तो फसल बोवनी के बाद अधिकतर क्षेत्रों में प्र्याप्त बारिश नहीं हुई जसके कारण किसानों को दोबारा बोवनी करना पड़ी तो अंत में फसल कटाई के समय अधिक बारिश होने से फसल खराब भी होने लगी।

    हमारी फसल नष्ट होने लगी
    बारिश अधिक होने से हमारी फसल खराब होने लगी है यह बातें पुरासाहब नगर के किसान बाबूलाल जोशी, अशोक जोशी, भैरूलाल चौधरी, बर्डा बरखेड़ा के पृथ्वीराजसिंह चैहान, जामुनिया के अनोखीलाल शर्मा, नाहरखोयरा के प्रमोद जोशी, गुरूखेड़ी निवासी किसान शिवनारायण आर्य, देवीसिंह, उदयराम, तुलसीराम, चंदरलाल मालवीय, आगर नाहर खेयरा के कृषक प्रमोद जोशी सहित क्षेत्र के अन्य ग्रामों के किसानों का कहना है कि अधिक बारिश होने से योयाबीन की फली पत्ते पीले पड़ गए है और खड़ी फसल में अंदर ही अंदर दाने फूटने लगे है। अधिकतर क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बनी हुई है और फसल खराब होने से खेतों में मवेशी छोडऩा पड़ रहे है। किसानों का कहना है कि हमारे द्वारा बार बार शासन प्रशासन का ध्यान भी इस दिशा में दिलाया गया, लेकिन अब तक कोई सर्वे कार्य यहां प्रारंभ नहीं किया गया है। सर्वे हो तो खराब फसल का मुआवजा मिल सके।

    कई जगह खेतों में जल भराव की स्थिति
    इस वर्ष जिले में अब तक बारिश की स्थिति बनी हुई है, और लगातार बारिश भी हो रही है, जिसके कारण खेतों में खड़ी सोयाबीन की पकी हुई फसलों को नुकसान होने की संभावना है अनेक क्षेत्र में खेतों में जलभराव की स्थिति है। हालांकि कई क्षेत्रों में अभी फसल पूर्णत: नहीं पकी है।
    अनिल कुमार तिवारी उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला आगर

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