जिनकी थी करोड़ों की कीमत.. वह अब खाक होंगे
कटिंग के बाद बनेगी लुगदी, निजी कंपनी को दिया ठेका
इंदौर। बुरहानपुर, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खरगोन, खंडवा जिले के चलन से बाहर हुए स्टाम्प इंदौर में अधिकारियों की मौजूदगी में नष्ट किए जाएंगे। लगभग 1100 बंडल के स्टाम्प की कटिंग 2 जुलाई से की जाएगी।
1091 करोड़ के इंदौर जिले के स्टाम्प पेपरों के विनष्टीकरण के बाद 7 जिलों के 1100 बंडल स्टाम्प का नस्तीकरण भी इंदौर में ही किया जाएगा। कल कलेक्टर कार्यालय में भारी तादाद में बुरहानपुर से स्टाम्प पेपर इंदौर लाए गए। कलेक्टर कार्यालय स्थित कोषागार में 7 जिलों के स्टाम्प आना शुरू हो गए हैं। कोषालय स्थित स्ट्रांग रूम में अगले 3 दिनों में लगभग 1100 बंडल 500 से 25000 कीमत के स्टाम्प इक_ा हो रहे हैं। उसके बाद इनके मूल्यांकन, सीरियल नंबर की सूची तैयार की जाएगी और 2 जुलाई से कटिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सहायक जिला कोषालय अधिकारी निधि गोयल के अनुसार इंदौर जिले के 3800 बंडल स्टाम्प की कटिंग 8 दिन में पूरी की गई थी। 2 जुलाई से 2 दिन में इन स्टाम्प की कटिंग की प्रक्रिया कराई जाएगी। सातों जिलों के अधिकारियों ने स्टाम्प पेपर की जानकारी प्रारूप के अनुसार दर्ज कर मुहैया कराई है। सभी दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन, सीरिज की जांच करने के बाद उनकी कटिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।
इंदौर के बाद धार में सबसे ज्यादा
ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने जुलाई 2015 में ई-पंजीकरण और स्टाम्पिंग सुविधा शुरू की थी, जिसके बाद 100 रु. से अधिक कीमत के भौतिक स्टाम्प पेपर प्रचलन से बाहर हो गए हैं। पिछले लगभग सात वर्षों से धूल खा रहे 500 से 25,000 रुपए तक के अंकित मूल्य के भौतिक स्टाम्प का कोई गलत उपयोग न हो, इसके लिए इन्हें नष्ट किया जा रहा है। इंदौर जिले में सबसे अधिक 1,000, 2,000 और 15,000 रुपए के स्टाम्प पेपर थे, जिन्हें नष्ट कर दिया गया है। उपरोक्त 7 जिलों में धार में सबसे ज्यादा स्टाम्प की संख्या बताई जा रही है। अगले 3 दिनों में सभी के सीरियल नंबर का मिलान किया जाएगा। ज्ञात हो कि अब सिर्फ 5 रुपए, 10 रुपए, 20 रुपए, 50 रुपए और 100 रुपए के मूल्य वर्ग के स्टाम्प नोटरी, किरायानामा और अन्य कामों के लिए उपयोग में लाए जा रहे हैं।
सात सालों से रखे थे
ई-स्टाम्प सुविधा शुरू होने के बाद से ही सभी 500 से 25000 कीमत के सभी स्टाम्प चलन से बाहर हो गए हैं। पिछले 7 सालों से ये स्टाम्प इंदौर सहित सभी जिलों में निर्देश की राह देख रहे थे। निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी स्टाम्प पेपरों को नष्ट करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति के बाद अब जाकर इंदौर के बाद अन्य जिलों का नंबर आया है। इंदौर कलेक्टर ने वरिष्ठ पंजीयक सहित जांच समिति की निगरानी में स्टाम्प कटिंग के निर्देश दिए हैं। समिति की मौजूदगी में एमएस ट्रेडर्स को कागज काटने वाली मशीनों से कटिंग कर नष्ट करने का ठेका दिया है। इसके बाद इन कटिंग से लुगदी बनाने की प्रक्रिया की जाएगी।
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