भोपाल। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के क्षेत्र में हितग्राहियों को पैसा देने में मप्र अभी पीछे चल रहा है। अन्य राज्यों की समीक्षा कर इसमें तेजी लाई जाए। एमएसएमई के कई प्रकरणों में अनावश्यक स्टांप ड्यूटी लिए जाने की बात सामने आ रही है। इस संबंध में विभाग यह सुनिश्चित करें कि हितग्राही को अनावश्यक स्टांप ड्यूटी न देनी पड़े। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर पैकेज के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अफसरों को यह निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई के क्षेत्र में अभी प्रदेश में कार्य की गति धीमी है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को एमएसएमई क्षेत्र में इसके अंतर्गत 21 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं, वहीं मध्य प्रदेश को अभी तक लगभग 2 हजार करोड़ रुपए ही मिले हैं। संबंधित विभाग बैंकों के साथ नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर कार्य में गति लाएं। अन्य राज्यों द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके हमारे राज्य में इसकी गति धीमी क्यों है। योजना के क्रियान्वयन में कोई कठिनाई आ रही है अथवा यदि कोई चीज स्पष्ट नहीं है तो इसके लिए उनकी ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री को तुरंत पत्र लिखा जाए।
अब 200 करोड़ तक के लोन के लिए ग्लोबल टेंडर नहीं
चौहान ने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित पैकेज के अंतर्गत अब यह प्रावधान किया गया है कि एमएसएमई को 200 करोड़ रुपए तक के लोन के लिए अब ग्लोबल टेंडर की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने संबंधित विभाग को निर्देश दिए आगे एक सप्ताह के अंदर इस संबंध में औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएं।
45 दिन के अंदर ऋ ण का भुगतान
पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई उद्योग को स्वीकृत ऋण का भुगतान बैंकों द्वारा 45 दिन के अंदर किए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि कुछ प्रकरण बैंकों में 45 दिन से अधिक समय से लंबित है। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए को 45 दिन के अंदर ऋण की राशि का भुगतान हो जाए।
5 अगस्त से शुरू होगा लोन वितरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में बड़े कस्बों एवं ग्रामों के समूहों में भी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर योजना चालू की गई है, जिसके अंतर्गत उन्हें 10 हजार रूपये का ऋण दिया जाएगा। इसकी गारंटी सरकार देगी तथा ब्याज भी सरकार भरेगी। इस योजना के अंतर्गत 8 लाख पथ विक्रेताओं का पंजीयन किया जा चुका है। यह गरीबों के लिए अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है। मध्यप्रदेश में आगामी 5 अगस्त को ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के अंतर्गत ऋण वितरण प्रारंभ किया जाएगा।
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