नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने राइजिंग भारत समिट 2025 (Rising Bharat Summit 2025) में तमिलनाडु (Tamil Nadu) की स्टालिन सरकार (Stalin government) पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि DMK सरकार का ‘नॉर्थ बनाम साउथ’ का नैरेटिव सिर्फ अपने भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश है. उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से कोई परिसीमन आयोग गठित नहीं किया गया है और न ही इस दिशा में कोई प्रक्रिया शुरू हुई है. अमित शाह ने कहा, ‘क्या हिमाचल प्रदेश, जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां कोई परिसीमन हो रहा है? केवल तमिलनाडु में इस पर हल्ला क्यों हो रहा है? कारण साफ है- वहां रैंपेंट करप्शन है. DMK मुद्दों से भाग रही है, इसलिए परिसीमन का शोर मचा रही है।
परिसीमन: ‘अभी तो कुछ हुआ ही नहीं!’
शाह ने स्पष्ट किया कि ‘परिसीमन की प्रक्रिया कानून के तहत होती है. पहले संसद में बिल आएगा, फिर चर्चा होगी, उसके बाद संसदीय समिति में जा सकता है. अभी तो कुछ हुआ ही नहीं, फिर इतना हल्ला क्यों?’ उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होगा और सीटें प्रो-राटा बेसिस पर बनी रहेंगी।
स्टालिन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपने की बात पर शाह ने कहा कि ‘DMK केवल जनता को गुमराह कर रही है. जब सवाल भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर होता है, तो वह उत्तर नहीं देना चाहते।
‘मैं तो गुजराती बोलता हूं’: शाह
अमित शाह ने भाषा विवाद पर कहा, ‘मैं हिंदीभाषी नहीं हूं, मैं गुजराती हूं. विपक्ष कहता है कि मैं हिंदी थोप रहा हूं, लेकिन सच यह है कि हम सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा दे रहे हैं. हमने सरकारी परीक्षाएं क्षेत्रीय भाषाओं में कराईं और इंजीनियरिंग-मेडिकल की पढ़ाई भी अब क्षेत्रीय भाषाओं में संभव है. कांग्रेस सरकार ने हिंदी-इंग्लिश थोपी थी।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर भरोसा
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर जनता के बीच जा रही है. उन्होंने कहा, ‘दो-तीन साल में ऐसा माहौल बनेगा कि कोई भी पार्टी इसका विरोध नहीं कर पाएगी. पहले कांग्रेस की सरकारें बनती थीं तो विधानसभा भंग नहीं होती थी, लेकिन जैसे ही दूसरी पार्टी की सरकार बनती, वह सरकार गिरा दी जाती थी।
स्टालिन ने कहा था- PM साफ करें तस्वीर
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा था कि ‘परिसीमन के जरिए तमिलनाडु की आवाज दबाने की कोशिश हो रही है. हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि संसद में प्रस्ताव पारित कर इस पर स्थिति स्पष्ट करें.’ उन्होंने आशंका जताई कि परिसीमन के बाद दक्षिण की सीटों में कटौती हो सकती है।
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