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    श्रीनगर : पुलिस बस पर आतंकी हमला पुलवामा घटना को दोहराने की साजिश, जाने डीजीपी ने क्‍या कहा ?

  • December 14, 2021

    श्रीनगर । श्रीनगर (Srinagar) के जेवन इलाके (Jevan areas) में पुलिस बस (police bus) पर हमला (Attack) कर आतंकियों (terrorists) की पुलवामा (Pulwama) दोहराने की साजिश थी। हमले में पाकिस्तानी आतंकी (Pakistani terrorists) के भी शामिल होने का शक है। हमलावर आतंकियों की कोशिश थी कि बस में सवार सशस्त्र पुलिस का कोई भी जवान बच न सके। यही कारण है कि आतंकियों ने बस को निशाना बनाकर दोनों ओर से अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के लस्सीपोरा इलाके में सीआरपीएफ वाहन पर आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।

    सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से आतंकी संगठनों पर लगातार दबाव था कि बड़े हमले को अंजाम दिया जाए ताकि सरकार की ओर से हालात सामान्य होने और आतंकियों के सफाए संबंधी दावे की धार को कमजोर किया जा सके। इसी वजह से सशस्त्र बलों के जवानों को निशाना बनाने की साजिश रची गई और स्थान भी आईआरपी बटालियन के मुख्यालय को चुना गया। पिछले दिनों खुफिया एजेंसियों के पास इनपुट था कि आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसमें सुरक्षा बलों के साथ ही उनके प्रतिष्ठान, महत्वपूर्ण स्थान को निशाना बनाया जा सकता है। पुलिस को इनपुट था कि कार बम से शहर में हमला किया जा सकता है। इसके बाद शहर में और हाईवे पर वाहनों की तलाशी ली जा रही थी। डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई से आतंकियों में बौखलाहट है। पाकिस्तान घाटी में शांति नहीं चाहता है। वह यहां की शांति में खलल डालने के मौके तलाशता रहता है। अमन में खलल डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मौजूदा वारदात को लेकर छानबीन की जा रही है। हमलावरों को जल्द खोज निकाला जाएगा।


    अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला बड़ा हमला
    अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकियों ने पहला बड़ा हमला किया है। पांच अगस्त 2019 के बाद दहशतगर्दों ने यों तो कई हमले किए, लेकिन सुरक्षा बलों पर इस प्रकार का बड़ा हमला पहली बार हुआ है। इन दो सालों में सुरक्षा बल ही आतंकियों पर काल बनकर टूटे हैं। कई बड़े कमांडरों को मार गिराया गया है। लगभग सभी आतंकी संगठनों को नुकसान पहुंचा है। खासकर लश्कर-ए-ताइबा को। दक्षिणी कश्मीर में मजबूत स्थिति में रहे हिजबुल मुजाहिदीन की लगभग कमर टूट चुकी है। जम्मू- कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य का कहना है कि आतंकी संगठन ऐसे हमले कर यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में स्थिति सामान्य नहीं हुई है।

    जम्मू-कश्मीर पुलिस निशाने पर
    घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में सबसे अधिक इनपुट जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से ही मिल रहे हैं। यही कारण है कि आतंकियों की सोची-समझी रणनीति के तहत पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर पुलिस को निशाना बना रहे हैं। सीमा पार से पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने की साजिश रची गई है। पिछले कुछ समय में आतंकियों ने श्रीनगर के साथ ही दक्षिणी कश्मीर में पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया है। इसमें श्रीनगर में नमाज पढ़ने जा रहे सीआईडी इंस्पेक्टर, गौसिया हॉस्पिटल से लौट रहे खानयार थाने के सब इंस्पेक्टर तथा कुलगाम में एसओजी में तैनात कश्मीरी पंडित की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

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