श्रीनगर। केन्द्र शासित जम्मू-कश्मीर की ग्रीमकालीन राजधानी श्रीनगर में पारा शून्य से 7.8 डिग्री सेल्सियस कम के साथ मंगलवार इस मौसम की सर्वाधिक ठंड रात थी जिससे विश्व प्रसिद्ध डल झील भी जम गई है। सुबह हालांकि सूरज के निकलने से लोगों को राहत मिली। शहर में बर्फीली हवाएं चल रही हैं। श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) और अन्य संबंधित विभाग अधिकतर गलियों तथा अंदर की सड़कों से बर्फ नहीं हटा पाए हैं। फिसलन के कारण वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित है।
पानी जमने और सड़कों पर फिसलन होने के कारण लोगों का चलना मुश्किल हो रहा है। फिसलन की वजह से कई लोग गिरकर चोटिल हो गए। मुख्य सड़कों को जोड़ने वाली अधिकांश सड़कें और गलियों से बर्फ नहीं हटाई गई है। एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि उसने 80 के दशक में ऐसी स्थिति नहीं देखी है। शहर में सड़कों पर फिसलने होने के कारण सुबह के समय सड़कों पर बहुत कम वाहन देखे गए हालांकि सूरज निकलने से लोगों के चेहरे पर खुशी देखी गई, हालांकि बर्फीली ठंडी हवाएं भी चलती रहीं।
शहर के ऐतिहासिक लाल चौक करीब 10 बजे फिर से दुकाने खुल गईं। प्रसिद्ध शीतकालीन पकवान ‘हर्सा’ की दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई। लोगों ने सुबह और शाम को यात्री परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं होने की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि सार्वजनिक परिवहन के अभाव में, तिपहिया और टैक्सी उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी इलाकों सहित कई इलाकों में लोगों ने पानी की कमी की शिकायत की। ठंड के कारण नल जम गए हैं।
उन्होंने कहा कुछ लोग नलों में पानी निकालने के लिए गर्म पानी और जलती हुई लकड़ी का उपयोग करते देखे गए। मौसम विभाग के प्रवक्ता ने आज बताया कि आमतौर मौसम साफ रहेगा और अगले 24 घंटों के दौरान श्रीनगर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: छह और शून्य से सात डिग्री सेल्सियस नीचे रहने के आसार है। उन्होंने कहा कि रात के दौरान आसमान साफ होने के कारण न्यूनतम तापमान गिरावट आई है लेकिन अधिकतम तापमान में सुधार हुआ है। इसी तरह आसमान में बादल छाए रहने से न्यूनतम तापमान में सुधार हुआ और दिन सर्दी बढ़ी है।
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