कोलंबो। श्रीलंका के नवनियुक्त प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने (Prime Minister Dinesh Gunawardena) ने कहा है कि सरकार लोकतांत्रिक सार्वजनिक प्रदर्शनकारियों (Protesters) की मांगें (Demands) सुनने के लिए तैयार है। लेकिन उन्होंने आतंकी कृत्यों की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र (Democracy) के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के सहयोगी और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के स्कूली मित्र 73 वर्षीय गुणवर्धने ने देश में अभूतपूर्व आर्थिक व सियासी संकट (Political Crisis) के बीच पिछले सप्ताह श्रीलंकाई पीएम पद की शपथ (Oath) ली थी।
बुधवार को उन्होंने कहा, सरकार जनता के विरोध को सुनने के लिए तैयार है लेकिन आतंकी कृत्य अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराएं हो सकती हैं लेकिन संसद को लोगों के सामने आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने राजपक्षे भाइयों की विदेश यात्रा 2 अगस्त तक रोकी
श्रीलंकाई सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, पूर्व वित्तमंत्री बासिल राजपक्षे और सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर अजित निवार्ड काबराल को 2 अगस्त तक देश छोड़ने से रोक दिया है। उन पर 28 जुलाई तक लगाए गए विदेशी यात्रा प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया है।
सिंगापुर ने राजपक्षे के यात्रा पास की अवधि 14 दिन और बढ़ाई
सिंगापुर सरकार ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को नया वीजा जारी करते हुए देश में उनके रहने की अवधि 14 दिन और बढ़ा दी है। मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक, राजपक्षे के यात्रा पास की अवधि 11 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी गई है। वह देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण जनाक्रोश को देखते हुए 13 जुलाई को मालदीव चले गए और वहां से अगले दिन निजी यात्रा पर सिंगापुर पहुंचे थे।
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