नई दिल्ली: श्रीलंका बरसों से नशे के कारोबार से परेशान रहा है. लेकिन ऐसा लगता है कि अब वहां की सरकार ने इससे निपटने का मन बना लिया है. इसी के तहत श्रीलंका की सरकारपिछले 50 दिनों से एक अभियान चला रही है. अभियान का नाम ‘युकथिया’ है. जिसे सिंहली भाषा में ‘न्याय’ कहते है. इस अभियान के तहत 50,000 से ज्यादा नशीली दवाओं के डीलरों, अपराधियों को पकड़ा गया है. साथ ही लाखों रुपये के नशीले पदार्थ भी जब्त किए गए. करीब 49 हज़ार से ज्यादा गिरफ्तारियां तो नशीली दवाओं के दुरुपयोग से जुड़ी हैं. जबकि करीब 6 हज़ार से ज्यादा लोग अपराधियों की लिस्ट में थे.
ऑपरेशन की आलोचनाएं भी हो रही है
युकथिया अभियान 17 दिसंबर को शुरू किया गया था. इसे खत्म करने की डेडलाइन 30 जून तय की गई है. श्रीलंका पुलिस, ऑपरेशन से संबंधित हर दिन एक विस्तृत बयान जारी कर रही है. ऑपरेशन की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए पुलिस ने हॉटलाइन भी बनाया है.
अब भले ही सरकार इस अभियान के जरिए देश से नशे के कारोबार को खत्म करने की बात कर रही हो लेकिन इसके बावजूद दुनिया के कुछ हलकों से इसे आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है. आलोचना करने वालो ने मानवाधिकार उल्लंघन के सवाल खड़े किये हैं.
निंदा के बावजूद जारी रहा ऑपरेशन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार, स्थानीय मानवाधिकार आयोग, लॉयर्स कलेक्टिव जैसे कई दूसरे अधिकार समूहों की निंदा के बावजूद ये ऑपरेशन जारी है. इन समूहों ने आरोप लगाया है कि श्रीलंका की सरकार नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए वैसे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों का इस्तेमाल कर सकती थी मगर वह इसकेबजाय अमानवीय ऑपरेशन चला रही है.आरोप ये भी है कि कथित तौर पर 17 दिसंबर से अब तक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें कुछ लोगों के साथ दुर्व्यवहार हुआ है और उनको यातनाएं तक दी गई है.
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