कोलंबो (Colombo.)। श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (President Ranil Wickremesinghe) ने सोमवार को भारतीय आवास परियोजना (Indian Housing Project), ‘भारत-लंका’ के चौथे चरण का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य श्रीलंका में वृक्षारोपण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भारतीय अनुदान सहायता (Indian grant aid) से 10,000 घरों का निर्माण करना है। इस दौरान भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा भी मौजूद थे। उन्होंने राष्ट्रपति के साथ दस जिलों में 45 वृक्षारोपण संपदाओं में 1,300 घरों के लिए आधारशिला पट्टिका का अनावरण किया। झा ने श्रीलंका में तमिल समुदाय का समर्थन करने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
भारत ने इस परियोजना के लिए उदारतापूर्वक सहायता प्रदान की: राष्ट्रपति
कार्यक्रम के दौरान विक्रमसिंघे ने कहा कि उनकी सरकार ने देश के अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के आर्थिक और सामाजिक अधिकारों को बनाए रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने आवास परियोजना के लिए भारत के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत ने इस परियोजना के लिए उदारतापूर्वक सहायता प्रदान की है। मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार सक्रिय रूप से इस प्रक्रिया को शुरू कर रही है। भूमि अधिग्रहण के लिए एस्टेट कंपनियों के साथ बातचीत शुरू हो रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि आवास परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य बागान श्रमिकों को आवास प्रदान करना है, जिससे वह सशक्त हो सकें।
श्रीलंका में तमिल राजनीतिक अधिकारों से वंचित
गौरतलब है कि भारतीय मूल के तमिल समुदाय को श्रीलंका में भूमि और आवास स्वामित्व की कमी के कारण नुकसान हो रहा था। श्रीलंका में तमिल अपने राजनीतिक अधिकारों से वंचित हैं। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले तमिलों के लिए आवश्यक है कि उनके आर्थिक और सामाजिक अधिकारों को बरकरार रखा जाए। बता दें, मई 2017 में श्रीलंका की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने 10,000 घरों के संबंध में घोषणा की थी।
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