कोलंबो । भारतीय विदेश मंत्री (Indian Foreign Minister) एस. जयशंकर (S. Jaishankar) की श्रीलंका यात्रा (Sri Lanka Tour)के पहले दिन रक्षा (Defence), आर्थिक (Economic), शिक्षा (Education), धार्मिक और सांस्कृतिक सहयोग (Religious and Cultural Cooperation) के कई समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए (Sign) ।
30 करोड़ रुपये के अनुदान पर श्रीलंका विशिष्ट डिजिटल पहचान (एसएल-यूडीआई) कार्यक्रम को लागू करने के लिए एक अलग समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। हालांकि दोनों परियोजनाओं की श्रीलंका के विपक्ष और कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर देश के राष्ट्रीय संसाधनों को बेच रही है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि एसएल-यूडीआई परियोजना के साथ बायोमेट्रिक्स सहित सभी श्रीलंकाई लोगों की पूरी डिजिटल पहचान भारत के हाथों में होगी।
जाफना से तीन द्वीपों में हाइब्रिड विद्युत परियोजनाओं को लागू करने के लिए एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जहां पहले प्रस्तावित चीनी परियोजना को भारत द्वारा आपत्ति के बाद रद्द कर दिया गया था। भारत ने तमिलनाडु तट पर रामेश्वरम के करीब श्रीलंकाई द्वीपों में चीनी उपस्थिति पर आपत्ति जताई है। हस्ताक्षर किए गए अन्य समझौता ज्ञापनों में श्रीलंका में मत्स्य बंदरगाह के विकास के लिए हैं।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने हाल ही में श्रीलंका को दी गई लगभग 2.5 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया और जयशंकर ने कोलंबो की आर्थिक सुधार प्रक्रिया में नई दिल्ली के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
श्रीलंका में महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों के रखरखाव के लिए 15 मिलियन डॉलर देने के लिए प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। जयशंकर ने उत्तरी प्रांत के लोगों के लिए सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे के विस्तार के उद्देश्य से भारत की अनुदान सहायता से निर्मित जाफना सांस्कृतिक केंद्र में अत्याधुनिक थिएटर का वर्चुअल उद्घाटन किया।
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