कोलंबो। आजादी के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को विश्व बैंक से 16 करोड़ डॉलर की मदद मिली है। संसद में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा, वह इसका इस्तेमाल पेट्रोल खरीदने के लिए करने की संभावना तलाश रहे हैं। जल्द ही एशियन डेवलपमेंट बैंक से भी मदद मिलने की संभावना है। देश में उग्र प्रदर्शनों के दौरान इस रकम से आर्थिक संकट पर काबू पाने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
विक्रमसिंघे ने संसद को बताया कि विश्व बैंक से मिली रकम का इस्तेमाल तेल खरीदने में नहीं किया जा सकता, लेकिन हम इसके प्रयास करेंगे। सोमवार रात राष्ट्र के नाम संबोधन में विक्रमसिंघे ने बताया था कि भारत से उधार मिले पेट्रोल की दो खेप आनी हैं। इनमें से एक इसी हफ्ते पहुंचेगी, जबकि दूसरी 29 मई तक।
इससे पूर्व, ऊर्जा मंत्री कंचन विजेशेखरा ने कहा था, पंपों पर पेट्रोल उपलब्ध नहीं है। इसलिए लोगों से अनुरोध है कि वहां लाइन न लगाएं। पेट्रोल सप्ताहांत के बाद ही मिल पाएगा।
सरकार ने कहा- नहीं है पेट्रोल, पंपों पर न लगाएं लाइन
श्रीलंका सरकार ने बुधवार को लोगों से साफ कह दिया, पेट्रोल खरीदने के लिए पैसा नहीं है। इसलिए पेट्रोल पंपों पर लाइन न लगाएं। हालांकि देश के पास डीजल उपलब्ध है। 28 मार्च से पेट्रोल लदा एक जहाज श्रीलंका में तट पर खड़ा है, लेकिन इसके भुगतान के लिए सरकार के पास अमेरिकी डॉलर नहीं हैं।
इस बीच, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बताया कि देश एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) को भुगतान में चूक गया है। इससे नया कर्ज मिलने का रास्ता और कठिन हो गया है। कुछ ही दिन पहले एडीबी और विश्व बैंक ने श्रीलंका को लगभग 16-16 करोड़ डॉलर का कर्ज देने का आश्वासन दिया था।
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