कोलंबो। श्रीलंका (sri lanka) भीषण आर्थिक संकट (severe economic crisis) को झेल रहा है। लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बढ़ते विरोधों के चलते श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) ने 1 अप्रैल को आपातकाल लगा दिया था। अब गोतबाया ने आपातकालीन नियम अध्यादेश को मंगलवार देर रात रद्द कर दिया।
श्रीलंका संकट से जुड़ी कुछ खा बातें
1- राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा कि आपातकालीन अध्यादेश पांच अप्रैल की मध्यरात्रि को रद्द कर दिया। उन्होंने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल को भंग कर दिया और एक एकता सरकार बनाने की मांग की। देश में महंगाई चरम पर है और सार्वजनिक अशांति बढ़ गई है। आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार गठन होना बहुत जरूरी है।
2- श्रीलंका में उनके पूर्व सहयोगियों ने राजपक्षे से इस्तीफा देने का आग्रह किया। लोग भोजन, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं साथ ही रिकॉर्ड मुद्रास्फीति और बिजली की भारी कटौती चरम पर है। वहीं 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता के बाद से देश सबसे दर्दनाक मंदी से गुजर रहा है।
3- श्रीलंका में जारी भीषण आर्थिक संकट के बीच सत्ता संघर्ष भी जारी है। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने विपक्ष की मांग पर पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह संसद में 113 सदस्यों का बहुमत साबित करने वाले किसी भी दल को सत्ता सौंपने को तैयार हैं। इस बीच नवनियुक्त वित्त मंत्री अली साबरी ने दूसरे ही दिन इस्तीफा दे दिया।
4- प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति समेत अन्य सरकार से जुड़े लोगों के घरों में घुसने का प्रयास किया। सरकार के खिलाफ छात्रों को आज शाम बारिश में भी प्रधानमंत्री आवास की ओर मार्च करते देखा गया। इस दौरान पुलिस ने मानव श्रृंखला बनाई ताकि छात्रों को रोका जा सके।
5- श्रीलंकाई सरकार के पास 225 सदस्यीय सदन में बहुमत से पांच कम हैं, लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है कि विधायक अविश्वास प्रस्ताव का प्रयास करेंगे जो उसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर करेगा।
6- भीड़ ने कोलंबो में राष्ट्रपति भवन सहित एक दर्जन से अधिक सरकारी हस्तियों के घरों में घुसने का प्रयास किया है। वहां प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों के वाहनों में आग लगा दी, जिसका जवाब पुलिस द्वारा रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले दागकर दिया गया।
7- श्रीलंका में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच कुछ शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी हुए हैं। श्रीलंका में कोलंबो में पादरियों और ननों ने सरकार के खिलाफ मार्च निकाला। इस बीच एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह बुद्धिमान लोगों के साथ एक मूल्यवान देश है। लेकिन हमारी बुद्धि, लोगों की बुद्धि, भ्रष्टाचार द्वारा अपमानित किया गया है।
8- श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के पूर्व अधिकारी नंदलाल वीरसिंघे 7 अप्रैल को केंद्रीय बैंक गवर्नर का पद संभालेंगे। भीषण आर्थिक संकट के बीच अजित निवार्ड काबराल ने सोमवार को गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था।
9- राजपक्षे ने अपनी सरकार के कार्यों का बचाव करते हुए कहा कि विदेशी मुद्रा संकट उनका नहीं था और आर्थिक मंदी काफी हद तक महामारी से उबरी है, इस कारण द्वीप का पर्यटन राजस्व कम हुआ है।
10- श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामानों की कमी हो गई है। बिजली कटौती जो दिन में 13 घंटे तक चलती है।
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