कोलंबो। राजनीतिक-आर्थिक संकट (politico-economic crisis) के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) बिना इस्तीफा दिये देश से भाग गये हैं, इससे विद्रोह की आग वहां दोबारा भड़क गई है। अब ऐसा लग रहा है कि राजपक्षे का इस्तीफा देने की खबरें सिर्फ उनके प्लान का हिस्सा था, जिसका इस्तेमाल उन्होंने श्रीलंका से निकलने के लिए किया, गोटाबाया राजपक्षे ने अबतक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है, यह भी धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है।
देर रात गोटाबाया राजपक्षे मिलिट्री के विमान में बैठकर अपनी पत्नी समेत परिवार के कुछ सदस्यों को लेकर मालदीव पहुंच गए, सुबह जब श्रींलका के लोग जागे तो पता चला कि राष्ट्रपति अचानक देश छोड़ चुके हैं, प्रदर्शनकारी खुद भी यही चाहते थे, लेकिन यहां चिंता की बात यह थी कि गोटाबाया बिना इस्तीफा दिये भाग गये। ऐसे में नए राष्ट्रपति, नई सरकार को चुनने का सारा प्रोसेस फिलहाल के लिए अटक गया।
मालदीव के स्पीकर, पूर्व राष्ट्रपति ने की मदद
73 साल के गोटाबाया राजपक्षे के मालदीव पहुंचने के बाद एक और बड़ी जानकारी सामने आई. पता चला कि गोटाबाया को श्रीलंका से निकालने के लिए मालदीव की संसद के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (Mohamed Nasheed) ने मदद की थी।मालदीव की सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि राजपक्षे अभी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं, उन्होंने रिजाइन नहीं दिया है, इसलिए अगर ऐसे में वह मालदीव आना चाहते थे तो उनको मना नहीं किया जा सकता था,कुल मिलाकर 13 लोग गोटाबाया के साथ मालदीव पहुंचे हैं, ये लोग एयरफोर्स के AN32 विमान में वहां आए।
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