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श्रीलंका : राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा उलटफेर, लेफ्टिस्ट दिसानायके होंगे नए प्रेसिडेंट, तीसरे नंबर पर पहुंच गए रानिल विक्रमसिंघे

September 22, 2024

कोलंबो. श्रीलंका (Sri Lanka) के आम चुनावों (General Elections) में निवर्तमान राष्ट्रपति (outgoing president) रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) हाथों बड़े उलटफेर का सामना करना पड़ा है. दिसानायके ने धमाकेदार जीत दर्ज की है और वह श्रीलंका के अगले राष्ट्रपति होंगे. श्रीलंका में देश के 10वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए 21 सितंबर को मतदान हुआ था और वोटों की गिनती कल शाम 5 बजे के बाद शुरू हुई. 1 करोड़ 70 लाख मतदाताओं में से करीब 75 फीसदी ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. नवंबर 2019 में हुए पिछले राष्ट्रपति चुनाव में हुए 83 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया था.

श्रीलंका के चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके 52% वोट के साथ राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के करीब हैं. निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 16 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर चल रहे हैं. साजिश प्रेमदासा 22 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर हैं. प्रेमदासा एक बार फिर मुख्य विपक्षी नेता की भूमिका में दिखेंगे. बता दें कि 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है.


एनपीपी-जेवीपी गठबंधन के उम्मीदवार थे दिसानायके
दिसानायके ने नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी मार्क्सवादी-झुकाव वाली जनता विमुक्ति पेरेमुना (JVP) पार्टी भी शामिल है. बता दें कि 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में गोटबाया सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर जन विद्रोह हुआ था. प्रदर्शनकारी कोलंबो में राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे, जिसके बाद गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था. इस मुश्किल घड़ी में रानिल विक्रमसिंघे ने देश की बागडोर संभाली थी.

रानिल विक्रमसिंघे के विदेश मंत्री साबरी ने स्वीकारी हार

रानिल विक्रमसिंघे के विदेश मंत्री अली साबरी ने X पर एक पोस्ट में दिसानायके को उनकी जीत के लिए बधाई दी. उन्होंने लिखा, ‘लंबे और थका देने वाले अभियान के बाद, राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे अब स्पष्ट हैं. मैंने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के लिए जोरदार प्रचार किया, लेकिन श्रीलंका के लोगों ने अपना निर्णय बता दिया है और मैं अनुरा कुमारा दिसानायके के लिए उनके जनादेश का पूरा सम्मान करता हूं. एक लोकतंत्र में जनता के निर्णय का सम्मान करना महत्वपूर्ण है और मैं बिना किसी हिचकिचाहट के इसे स्वीकार कर रहा हूं. दिसानायके और उनकी टीम को जीत की हार्दिक बधाई.’

दिसानायके की एनपीपी को पिछले चुनाव में केवल 3 प्रतिशत वोट मिले थे. श्रीलंका का आर्थिक संकट दिसानायके के लिए एक अवसर साबित हुआ है. उन्होंने यह चुनाव देश की भ्रष्ट राजनीतिक संस्कृति को बदलने के वादे के साथ लड़ा और उन पर जनता ने अपना विश्वास प्रकट किया है. श्रीलंका में मतदाता तीन उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में रखकर एक विजेता का चुनाव करते हैं. यदि किसी उम्मीदवार को पूर्ण बहुमत प्राप्त होता है, तो उसे विजेता घोषित किया जाता है. यदि बहुमत नहीं मिलता, तो दूसरे दौर की गिनती शुरू होती है, जिसमें दूसरी और तीसरी पसंद के वोटों को ध्यान में रखा जाता है.

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