नई दिल्ली। भारत (India) में रूस (Russia) की कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) स्पूतनिक लाइट (Sputnik Light) के अंतिम चरण के ट्रायल (Trial) पर रोक लग गई है. बताया जा रहा है कि एक्सपर्ट कमेटी ने डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरीज (Dr Reddy’s Laboratories) को तीसरे चरण के ट्रायल करने की अनुमति नहीं दी है. बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन (Covovax Vaccine) के ट्रायल की अनुमति मांग रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) को भी मंजूरी नहीं मिली है. फिलहाल, भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अलावा स्पूतनिक V का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. हाल ही में अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना (Moderna) की वैक्सीन को आयात करने की मंजूरी मिली है.
सरकार की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने बुधवार को डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरी के आवेदन पर चर्चा की थी. खबरों के मुताबिक पैनल ने कंपनी को स्पूतनिक लाइट को अंतिम चरण के ट्रायल की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. अगर भारत में इस वैक्सीन को मंजूरी मिलती है, तो इसकी कीमत करीब 730 रुपये होने की संभावना है.
स्पूतनिक लाइट को भी स्पूतनिक V के निर्माताओं ने तैयार किया है. यह एक सिंगल डोज वैक्सीन है. डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरीज के सीईओ दीपक सप्रा ने कहा है कि कंपनी देश में सिंगल डोज कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को लाने के लिए नियामकों के साथ काम कर रही है. इस दौरान उन्होंने स्पूतनिक V को लेकर भी जानकारी दी. इससे पहले उन्होंने कहा था, ‘मुझे उम्मीद है कि एक बार स्पूतनिक लाइट भारत आई, तो यह देश के वैक्सिनेशन प्रोग्राम के लिए काफी फायदेमंद होगी. सबसे जरूरी बात यह कि दो डोज के बजाए, यह सिंगल डोज वैक्सीन 80 फीसदी तक प्रभावी होगी.’ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र की समिति सीरम को बच्चों पर ट्रायल की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है. पैनल ने इसके खिलाफ सिफारिश भी की है. सूत्रों ने कहा, ‘सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की कोविड-19 पर तैयार सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने आवेदन पर विचार-विमर्श किया और पाया कि इस वैक्सीन को किसी भी देश ने अनुमति नहीं दी है.’ उन्होंने जानकारी दी, ‘बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल करने पर विचार करने के लिए पुणे स्थित कंपनी को वयस्कों पर जारी क्लीनिकल ट्रायल का सेफ्टी और इम्युनोजेनिसिटी डेटा जमा करना चाहिए.’