लखनऊ: चुनाव (Election) से कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की रिलांचिंग हुई. उसने घाटी समेत जम्मू की कई सीटों पर प्रत्याशी (Candidate) भी उतार दिए. वहीं तीन चरणों में हुए चुनाव में सपा मुखिया समेत अन्य दिग्गज प्रचार अभियान (Advertising Campaign) से दूर रहे. ऐसे में पार्टी के उम्मीदवार चुनावी मैदान में पूरी तरह ढेर हो गए.
लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतकर सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. ऐसे में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने सपा का दूसरे राज्यों में विस्तार का फैसला किया है. इसी क्रम में विधानसभा चुनावों में पार्टी की मजूबत आमद दर्ज कराने के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया. हरियाणा में जहां कांग्रेस से ग़ठबंधन में धोखा मिलने से सपा ने चुनावी मैदान से कदम खींच लिए. वहीं जम्मू-कश्मीर में 28 प्रत्याशियों को टिकट दिए गए, जिसमें 20 के नामांकन वैध पाए गए, शेष खारिज हो गए. लिहाजा, कश्मीर की 20 और जम्मू की 5 सीटों पर सपा के उम्मीदवार मैदान में उतरे.
वहीं मंगलवार को आए परिणाम में सपा का जम्मू-कश्मीर का शो पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ. उसका खाता तक नहीं खुला. स्थिति यह रही प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई. जम्मू-कश्मीर के सपा प्रदेश अध्यक्ष जिया लाल वर्मा के मुताबिक जनता का निर्णय सर्वमान्य है. पार्टी की रिलांचिंग चुनाव से कुछ दिन पहले ही हुई थी, इससे चुनाव की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सका. अब पार्टी की मजबूती पर ध्यान दिया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार के लिए 13 नेताओं की लिस्ट चुनाव आयोग को सौंपी गई थी. इसमें सांसद अवधेश प्रसाद, धर्मेंद्र यादव, जावेद अली, हरेंद्र मलिक, इकरा हसन, प्रिया सरोज, पुष्पेंद्र सरोज, विधायक कमाल अख्तर खां, एमएलसी जासमीर अंसारी, पूर्व एमएलसी उदय वीर सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता किरनमय नंदा, राम आसरे विश्वकर्मा समेत 13 लोग थे. सपा मुखिया अखिलेश यादव का भी प्रदेश इकाई ने वक्त मांगा था. मगर, पार्टी के बड़े नेता प्रचार से दूरी बनाए रहे.
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