उज्जैन। रमजान का पवित्र माह अब समाप्ति की ओर है। 3 मई को ईद मनाए जाने की संभावना है और इसी दिन अक्षय तृतीया भी है। इसके चलते बाजारों में देर रात तक भीड़ दिखाई देने लगी है। ईद के करीब आते ही पुराने शहर के गोपाल मंदिर, छत्रीचौक लखेरवाड़ी सहित तोपखाना आदि क्षेत्रों के बाजार देर रात तक गुलजार रहते हैं। इन बाजारों में अभी से खरीदारी शुरू हो गई है। रात 12 बजे तक बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। शेरवानी और लखनवी कुर्ते पाजामे के साथ तुर्क और लखनवी टोपी की बाजार में सबसे अधिक डिमांड है। सिवईयां, दूध फैनी और ड्राई फ्रूट के बाजार भी सज गए हैं।
अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में सोना-चांदी खरीदने का धार्मिक महत्व है। पिछले दो साल अक्षय तृतीया पर ज्वैलर्स शॉप बंद रहने से चुनिंदा लोगों ने या तो ऑनलाइन खरीदी की या बैंकों से गोल्ड बॉन्ड लिए थे। सराफा व्यवसायी मुकेश गोयल बताते हैं कि गोल्ड व सिल्वर के भाव ज्यादा होने के बावजूद अक्षय तृतीया के लिए बाजार में पूछ परख शुरू हुई है। लोग भविष्य को देखते हुए सॉलिड गोल्ड व सिल्वर लेना पसंद कर रहे हैं। पिछले दो साल कोरोना के कारण न तो ईद उत्साह से मन सकी और न ही अक्षय तृतीया, इसलिए इस बार ईद और अक्षय तृतीया दोनों को लेकर लोगों में उत्साह है। ईद पर कपड़े, ड्राई फ्रूट्स, सजावटी व इलेक्ट्रॉनिक सामान की तो अक्षय तृतीया पर गोल्ड व सिल्वर खरीदने की परंपरा है।
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