- बरसात के मौसम में बीमार होने का मुख्य कारण गंदगी, मच्छर व कीड़े, अशुध्द पानी पीना
भोपाल। बरसात के मौसम में बीमार होने का मुख्य कारण गंदगी, मच्छर व कीड़े, अशुध्द पानी पीना, वातावरण में नमी, कपड़े गीले हो जाना आदि होते है। इन सब कारणों से इस मौसम में विशेषकर वाइरल फीवर , डायरिया, मलेरिया, पीलिया चिकनगुनिया, डेंगू और स्किन प्रोब्लम आदि हो सकते है। मेडिसिन के डा विजय गर्ग का कहना है कि वायरल फीवर बारिश के मौसम की सबसे आम समस्या है।
बरसात के मौसम में सर्दी – जुकाम , खांसी , हल्का बुखार और हाथ पैरो में दर्द या सिर में दर्द आदि ये सब वायरल इंफेक्शन होना दर्शाते है। बारिश मे भीगने , ठंडी हवा से, तापमान परिवर्तन नींद पूरी न होने आदि के कारण प्रतिरक्षा तंत्र कुछ कमजोर हो जाता है। इससे हवा में फैले वायरस या दूषित और अशुध्द खाने पीने के सामान आदि के कारण वायरल फीवर हो जाता है। वायरल बुखार के लक्षण महसूस होने लग जाते है। तुलसी के पत्ते 4 , काली मिर्च 4 और अदरक एक छोटा टुकड़ा कूटकर डेढ़ कप पानी में उबालें। छान कर चाय की तरह पीयें। इससे बहुत आराम मिलता है। बारिश में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है इसके लिए एक चम्मच शहद में आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ मिलाकर दिन में एक बार लें। इसके लगातार उपयोग से भूख सामान्य रहेगी और जोड़ों का दर्द नहीं सतायेगा। भीगने से बचें , कपड़े गीले हो तो तुरंत बदल लें। पौष्टिक भोजन ले। विटामिन सी युक्त फल आदि लेने से प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत रहता है अत: इनका जरूर उपयोग करें। आपके आस पास के किसी व्यक्ति को सर्दी जुकाम हो तो सावधान रहें। उससे आपको लग सकता है। ऐसे व्यक्ति से हाथ मिलाया हो तो हाथ साबुन से धो लें। सड़क पर मिलने वाले खाने पीने के सामान से सावधान रहें। दस्त लगने की समस्या अक्सर बरसात के मौसम ( वर्षा ऋतु ) में हो जाती है। ये दूषित खाने पीने के सामान या गंदा पानी पीने से होता है।