प्राधिकरण ने काम की गति बढ़ाई… फुटबॉल, क्रिकेट, हॉकी, स्कैटिंग की सुविधा मिलेगी… स्वीमिंग पुल के बचे कार्यों के लिए भी बुलाए टेंडर
इंदौर। प्राधिकरण (Authority) ने पिपल्याहाना ओवरब्रिज (Pipliyahana Overbridge) का निर्माण (Construction) करने के बाद नीचे के आठ बोगदों में स्पोटर््स एरिना (Sports Arena) का नया प्रयोग भी किया है। तेजी से इसका काम चल रह है। फुटबॉल ( Football), बास्केटबॉल (Basketball), स्कैटिंग (Skating), हॉकी (Hockey) गतिविधियों के साथ दो बोगदों में पार्किंग (Parking) की सुविधा भी मिलेगी। अगले 15 दिनों में यह स्पोटर््स एरिना तैयार हो जाएगा, जिसे एक निजी फर्म (Private Firm) को संचालन के लिए सौंपेंगे। एक करोड़ रुपए की राशि प्राधिकरण इस स्पोट्र्स एरिना को तैयार करने में खर्च कर रहा है।
इधर पिपल्याहाना चौराहा (Pipliyahana Square) के पास के अधूरे पड़े स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पुल के जो बचे काम हैं उसके लिए भी टेंडर बुला लिए हैं। अब प्राधिकरण का दावा है कि इस साल के अंत तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। स्वीमिंग पुल (Swimming Pool) सहित अन्य बचे कार्यों के लिए टेंडर बुलवाए गए हैं। जल्द मंजूरी देकर इन रूके हुए कार्यों को शुरू कर दिया जाएगा। बोगदों के प्रोजेक्ट को देख रहे प्राधिकरण के वरिष्ठ अभियंता अनिल जोशी के मुताबिक चार एरिना जल्द तैयार हो जाएंगे। फ्लोरिंग का मौके पर काम पूरा हो चुका है और आसपास जालियां भी लग गई हैं। फुटबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल के साथ स्कैटिंग की गतिविधि भी रहेगी और पार्किंग के लिए भी दो बोगदे रखे गए हैं, ताकि इन गतिविधियों के लिए आने वाले लोग अपने वाहन आसानी से खड़े कर सकें। इसके बेहतर संचालन का जिम्मा किसी निजी स्पोट्र्स (Private Sports) से जुड़ी संस्था को ही दिया जाएगा, जो निर्धारित शुल्क लेकर इन स्पोट्र्स गतिविधियों को संचालित करेगी।
सुपर कॉरिडोर पर आज से शिविर भी लगाया
कई किसान-जमीन मालिक अनुबंध के लिए तैयार हुए और प्राधिकरण के पक्ष में रजिस्ट्रियां (Registries) भी करवा दी। योजना 151, 166 और 169 ए और बी में विकास कार्य भी चल रहे हैं। लिहाजा जमीन मालिकों-किसानों की जमीनों के निराकरण के लिए आज साढ़े 11 बजे से प्राधिकरण के साइड ऑफिस पर शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है। प्राधिकरण के पीआरओ कपिल भल्ला (PRO Kapil Bhalla) के मुताबिक इस शिविर में योजना में शामिल जमीनों के मालिकों के साथ अनुबंध, विक्रय-पत्रों का निष्पादन तो होगा ही, वहीं भूखंड आरक्षण-आबंटन की प्रक्रिया भी की जाएगी।
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