इंदौर (Indore)। कांग्रेस में गुटबाजी (factionalism in congress) रूकने का नाम नहीं ले रही है। 2023 में सरकार बनाने का दावा करने वाले कांग्रेस के नेता (congress leader) सभी को एक ही नहीं कर पा रहे हैं। सोमवार को महिला कांग्रेस द्वारा शहर में बढ़ते अपराधों को लेकर कमिश्नर कार्यालय घेरने के पहले ही कल शहर महिला कांग्रेस की पुरानी पदाधिकारी कमिश्नर को ज्ञापन दे आईं। हालांकि इनकी संख्या 15 से ज्यादा तक नहीं पहुंच पाई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने निगम चुनाव लड़ी साक्षी शुक्ला को युवा चेहरा और राजनीतिक परिवार से होने के कारण महिला कांग्रेस की अध्यक्ष घोषित किया है, लेकिन साक्षी के सामने एक बड़ी चुनौती कांग्रेस की महिलाओं को एक करके चलना है। साक्षी ने अपने पहले आंदोलन के रूप में शहर में बढ़ते अपराध और महिला प्राचार्य को जलाने के विरोध में सोमवार 27 फरवरी को बड़े स्तर पर आंदोलन करने की घोषणा की है। उन्होंने कमिश्नर कार्यालय घेरने का ऐलान किया है। इसके पहले ही कांग्रेस में दो फाड़ नजर आईं।
महिला कांग्रेस का एक गुट, जिसमें किरण जिरेती, शशि यादव, साधना भंडारी, मनीषा शिरोडक़र, भारती टांक, सुषमा यादव, राखी दुबे, शकुंतला बड़े, शीतल जोशी, नसरील अली, अनुराधा शर्मा आदि मौजूद थीं, संभाग आयुक्त डॉ. पवन शर्मा को ज्ञापन देने पहुंच गई। जब जिरेती से इस संबध्ंा में पूछा तो तो उन्होंने कहा कि ये महिला कांगे्रस का नहीं, बल्कि वरिष्ठ महिला कांग्रेस का कार्यक्रम था, इसलिए अलग से ज्ञापन देने का सवाल ही नहीं उठता। हालांकि ज्ञापन में सभी कांग्रेस नेत्रियां मौजूद थीं।
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