पालक प्रेमियों को सर्दी का बेसब्री से इंतजार होता है। और हो भी क्यों न? यह साग न सिर्फ सेहत, बल्कि स्वाद के मामले में भी बेजोड़ है। न्यू मेक्सिको स्टेट यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में तो इसे दिल और दिमाग की सेहत के लिए रामबाण तक करार दिया गया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक पालक में विटामिन-ए, ल्युटिन और कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भारी मात्रा में पाए जाते हैं। ये तत्व फ्री-रैडिकल को तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से रोकते हैं, जिससे ढलती उम्र में याददाश्त और तर्क शक्ति में कमी की शिकायत नहीं सताती। डिप्रेशन के लक्षणों से निजात दिलाने और एकाग्रता बढ़ाने में भी पालक खासा मददगार साबित हो सकता है।
मुख्य शोधकर्ता जगदीश खूबचंदानी की मानें तो पालक नाइट्रेट अणुओं का भी बेहतरीन स्रोत है। ये अणु नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन और कार्य क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड न सिर्फ धमनियों को चौड़ा करता है, बल्कि उनकी दीवारों को भी मजबूत बनाता है। इससे खून का बहाव सामान्य रूप से हो पाता है और उच्च रक्तचाप की शिकायत दूर रहती है।
खूबचंदानी ने पालक को लंबे समय तक पकाने या फ्रिज में रखने से बचने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि ज्यादा ऊष्मा या ठंडक मिलने पर पालक में मौजूद पोषक तत्व नष्ट होने लगते हैं। लिहाजा इसे जूस या स्मूदी में मिलाना ज्यादा बेहतर है।
असरदार
-20% तक घट जाता है डिमेंशिया का खतरा नियमित रूप से पालक जैसी हरी सब्जियां खाने से, 2018 में हुए एक ब्रिटिश शोध के मुताबिक
-3.8 एमएमएचजी तक की कमी देखी गई उन लोगों के रक्तचाप में एक अमेरिकी अध्ययन में, जिन्होंने लगातार दो हफ्ते पालक का जूस पिया
पोषक तत्वों का खजाना
-कैल्शियम : 24.8 मिलीग्राम
-आयरन : 0.67 मिलीग्राम
-पोटैशियम : 140 मिलीग्राम
-विटामिन-सी : 7 मिलीग्राम
-सोडियम : 19.8 मिलीग्राम
(नोट : आंकड़े एक कप पालक में मौजूद पोषक तत्वों का है)
फायदे और भी हैं…
1.ल्यूटिन और जेक्जैनथिन की मौजूदगी आंखों को अल्ट्रावायलेट किरणों को दुष्प्रभाव से बचाती है, मोतियाबिंद का खतरा घटाने में भी कारगर
2.भारी मात्रा में आयरन से लैस होने के कारण पालक श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ाने में मददगार, एनीमिया की शिकायत होती है दूर
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी होने की स्थिति हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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