230 सीटों पर मतदान निपटने के बाद वोट प्रतिशत के आधार पर लग रहे हैं अनुमान
भाजपा की तुलना में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना भी बता रहा है सट्टा बाजार
इंदौर। सट्टा बाजार के भी अपने गणित-ज्ञान रहते हैं, जो कई बार सही भी साबित होते हैं। चुनाव (Election) को लेकर हमेशा ही सट्टा बाजार पर भी निगाह रहती है। राजनीतिक दलों (Political parties) से लेकर उम्मीदवार सट्टा बाजार के भाव पर निगाह रखते हैं। अब इंदौर सहित प्रदेश की 230 सीटों पर मतदान निपटने के बाद जहां परिणामों को लेकर अनुमान-अटकलें लगाई जा रही हैं, तो सट्टा बाजार पर भी जानकारों की निगाह है।
सूत्रों का कहना है कि फलौदी सहित अन्य प्रमुख सट्टा बाजार शाम तक और स्पष्ट खुलासा करेंगे। मगर कल रात तक जो वोट प्रतिशत सामने आया उसके बाद सट्टा बाजार ने इंदौर की 4 सीटें कांग्रेस की झोली में और 5 सीटें भाजपा की जीतना तय बताई है। विधानसभा-1 में कैलाश विजयवर्गीय का भाव 13 पैसे, तो विधानसभा-2 में रमेश मेंदोला का मात्र 3 पैसे, वहीं विधानसभा-3 में पिंटू जोशी का 60 पैसे, विधानसभा-4 में मालिनी गौड़ का भी सिर्फ 3 पैसे, विधानसभा-5 में सत्तू पटेल का 70 पैसे, सांवेर में तुलसी सिलावट का 18 पैसे, देपालपुर में विशाल पटेल का 30 पैसे, महू में उषा ठाकुर का 50 पैसे और राऊ में जीतू पटवारी का 60 पैसे बताया जा रहा है। यानी इन उम्मीदवारों के चुनाव जीतने की संभावना अधिक है। इसी तरह सरकार बनाने की बात करें तो सट्टा बाजार का कहना है कि भाजपा को 106 से 109 और कांग्रेस को 115 से 119 सीटें मिलने की संभावना है। यानी फिलहाल सट्टा बाजार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान लगा रहा है। दरअसल अभी 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, जिनमें राजस्थान में भी वोटिंग होना है और फिर चुनाव परिणाम 3 दिसम्बर को एक साथ घोषित किए जाएंगे, जिनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना शामिल हंै। इनमें तीन हिन्दी राज्यों में ही सबसे अधिक कड़ा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच हो रहा है। मध्यप्रदेश में जहां कांग्रेस सत्ता छीनने के लिए मैदान में उतरी, तो भाजपा लाड़ली बहना योजना सहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी मोदी को ही चुनाव प्रचार-प्रसार के केन्द्र में रखा गया है। अब इंदौर सहित प्रदेश की 230 सीटों पर चुनाव परिणाम आने तक इसी तरह अटकलें, अनुमान और भविष्यवाणियां होती रहेंगी। प्रिंट मीडिया, न्यूज चैनलों के अलावा सोशल मीडिया पर मतदान का प्रतिशत और अब बूथवार आने वाले आंकड़ों से हार और जीत का अनुमान लगाया जाएगा। वहीं सट्टा बाजार में भी मतदान के प्रतिशत को लेकर सही आकलन के बाद कुछ घट-बढ़ की संभावनाएं हैं।
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