इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ था और अब 3 दिसंबर को मतगणना होना है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में सरकार बनने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अपनी सत्ता बरकरार रखेगी या फिर कांग्रेस की वापसी होगी? इसको लेकर मतदान के बाद से ही सट्टा बाजार भी अनुमान लगा रहा है। अब प्रमुख सट्टा बाजार के अनुसार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते दिख रही है और प्रदेश की कुल 230 सीट में से कांग्रेस को 116 से 118, भाजपा को 106 से 109 और अन्य 4 से 6 सीट मिल रही हैं।
इंदौर की 9 सीटों में से 5 भाजपा व 4 कांग्रेस को
सट्टा बाजार के अनुसार इंदौर की 9 विधानसभा सीटों में से 5 भाजपा और 4 कांग्रेस के खाते में बताई जा रही हैं। विधानसभा-एक में कैलाश विजयवर्गीय का भाव 5 से 15 पैसे, विधानसभा- दो में रमेश मेंदोला का 3 पैसे, विधानसभा तीन में पिंटू जोशी का 35 से 40 पैसे, विधानसभा चार में मालिनी गौड़ का 4 से 8 पैसे, विधानसभा-पांच में सत्यनारायण पटेल का 55 से 60 पैसे, सांवेर में तुलसी सिलावट का 17 से 20 पैसे, देपालपुर में विशाल पटेल का 25 से 30 पैसे, महू में उषा ठाकुर का 25 से 30 पैसे और राऊ में जीतू पटवारी का भाव 35 से 40 पैसे बताया जा रहा है। यानी इन उम्मीदवारों के चुनाव जीतने की संभावना अधिक है।
कांग्रेस की उम्मीद
कांग्रेस में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में कोई समन्वय नहीं रहा कांग्रेस के जितने भी प्रत्याशी थे आखिरी 10 दिनों में सभी ने अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ा प्रदेश संगठन से किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली। हालांकि ओल्ड पेंशन स्कीम की वजह से सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारियों ने कांग्रेस के पक्ष में वोट डाले हैं। सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों की संख्या 4.5 लाख है, इसमें से 65 से 70 प्रतिशत वोट कांग्रेस को मिलने की उम्मीद है।
भाजपा का मास्टर स्ट्रोक
भारतीय जनता पार्टी में संगठन पूरी तरह सक्रिय था। आखिरी 10 दिनों में भाजपा ने कसा हुआ चुनाव लड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह जैसे बड़े नेताओं की रैलियां और रोड शो हुए, उससे कहीं न कहीं भाजपा को फायदा जरूर मिलेगा, शिवराज सिंह का लाडली बहना के मास्टर स्ट्रोक की वजह से महिलाओं ने 13.78 लाख वोट अधिक डाले। यह वोट चुनाव में अलग ही परिणाम दिखाएगा।
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