नई दिल्ली (New Delhi) । अचानक संसद का विशेष सत्र (Parliament special session) बुलाने को लेकर कई तरह की अटकलें हैं, जिसमें समय पूर्व लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की बात भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कामकाज के तौर तरीकों को समझने वाले मानते हैं कि पीएम मोदी एकजुट हो रहे विपक्ष (Opposition) के लिए एक और बड़ी चुनौती इस सत्र के जरिए पेश करने जा रहे हैं।
विपक्ष जहां ‘मोदी हटाओ’ के फार्मूले पर मंथन कर रहा है वहीं मोदी देश के विकास के लिए पार्टी के शेष रह गए एजेंडे को पूरा कर यह नैरेटिव सेट करेंगे कि वे देश को आगे बढ़ाने के अभियान में जुटे हैं।
सूत्रों के अनुसार सत्र के दौरान जिन अहम बिलों जैसे यूसीसी, महिला आरक्षण, एक देश एक चुनाव को पारित कराने की बात है, वे लोकसभा चुनाव में गेमचेंजर साबित हो सकते हैं। एक देश एक चुनाव की सोच से विपक्ष असहमत नहीं है। महिला आरक्षण विधेयक का विरोध असंभव है। ऐसे में ये विधेयक विपक्ष की उस रणनीति को कुंद कर सकते हैं जो सिर्फ मोदी को हटाने पर केंद्रित है।
भले ही मुख्यमंत्री नितीश कुमार और ममता बनर्जी समय पूर्व लोकसभा चुनाव की बात कह रहे हैं लेकिन मोदी की रणनीति जल्दी चुनाव कराने की बजाय ज्यादा काम पर केंद्रित रहेगी। यदि उपरोक्त विधेयक सत्र में पास हो भी जाते हैं तो भी राम मंदिर के शुभारंभ जैसे कई ऐसे कार्य हैं जो चुनाव से पूर्व अभी होने हैं। इसलिए यह संभावना ज्यादा है पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए पार्टी जल्द चुनाव से बचेगी।
विपक्ष की रणनीति को ध्वस्त करने वाले मोदी सरकार के ये कदम
– मोदी देश की अर्थव्यवस्था को अगले पांच सालों में पांचवें से तीसरे नंबर पर लाने का ऐलान कर चुके हैं। मौजूदा रिपोर्ट इसके सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने की ओर इशारा करती हैं।
– लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के जरिये सीधे आधी आबादी तक पहुंच।
– चुनाव से पूर्व अयोध्या में भव्य राम मंदिर की शुरुआत से सीधे जनता से जुड़ना।
– एक देश एक चुनाव के जरिए चुनाव पर होने वाले अरबों – खरबों के खर्च और समय और श्रमशक्ति की बर्बादी रोकना।
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