नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के केंद्र के नए कृषि कानूनों पर विचार करने के लिए विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाने की राज्य सरकार की मांग को नामंजूर किए जाने की मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और राज्य में मुख्य विपक्षी दल के नेता रमेश चेन्नीथला ने आलोचना की है ।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि विशेष अधिवेशन बुलाने की राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश को नामंजूर किया जाना संविधान विरोधी है। राज्यपाल को कोई अधिकार नहीं है कि वह विधानसभा में पूर्ण बहुमत वाली सरकार की सिफारिश को ना मंजूर करें।
विजयन ने कहा कि विधानसभा का अधिवेशन बुलाने के बारे में राज्यपाल को कोई विवेक का अधिकार हासिल नहीं है। इसी विषय पर चर्चा करने और प्रस्ताव पेश करने का विषय राज्यपाल द्वारा तय नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यपाल के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा को सस्ते राजनीतिक स्टंट के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता। राज्य की वाममोर्चा सरकार संविधान के खिलाफ काम करना चाहती थी जिसे रोक दिया गया।
मुख्यमंत्री की ही तरह राज्य विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि विशेष अधिवेशन ना बुलाए जाने का फैसला अलोकतांत्रिक और निंदनीय है। अधिवेशन ना बुलाने का फैसला जनता की आवाज को दबाने की कोशिश है। इस बीच राज्यपाल के फैसले के खिलाफ राजधानी तिरुवनंतपुरम में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
उल्लेखनीय है कि आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को राज्य सरकार की इस सिफारिश को नामंजूर कर दिया था कि जिसमें बुधवार 23 दिसंबर को राज्य विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाए जाने की सिफारिश की थी। (एजेंसी, हि.स.)
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