उज्जैन। आज ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि को सूर्य पुत्र शनिदेव का जन्मोत्सव शहर के मंदिरों में धूमधाम और विभिन्न अनुष्ठानों के साथ मनाया जा रहा है। आज शोभान और गजकेसरी योग होने से शनि जयंती का महत्व विशेष रूप से बढ़ गया है। कल हरसिद्धि पर स्थित शनि मंदिर पर भंडारे का आयोजन होगा और महाआरती होगी। पं. राज जोशी ने यह जानकारी दी। शनिदेव को सूर्यदेव और माता छाया की संतान माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि जयंती के दिन शोभन योग का निर्माण हो रहा है और शनिदेव स्वराशि कुंभ में ही रहेंगे, जिससे शश योग भी बन रहा है, साथ ही चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में होने से गजकेसरी योग भी बनेगा, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा के अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
नईपेठ मंदिर पर आयोजन
नई पेठ स्थित प्राचीन शनि मंदिर पर आज भगवान शनिदेव का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है और सुबह 10 बजे अभिषेक पूजन के साथ हवन हुआ और शाम को महाआरती होगी। त्रिवेणी स्थित नवग्रह शनि मंदिर पर भी सुबह से श्रद्धालुओं का दर्शनों के लिए पहुँचना शुरू हो गया है। वहीं सिंधी कॉलोनी, निकास चौराहा स्थित शनि मंदिर पर सुबह से धार्मिक आयोजन चल रहे हैं और निकास चौराहा पर शाम को शनि देव की महाप्रसादी का आयोजन रखा गया है। शनि शक्ति पीठ गऊघाट पर भी आज सुबह से धार्मिक आयोजन चल रहे हैं और शाम को तेलाभिषेक सहित अन्य धार्मिक आयोजन होंगे। दानीगेट स्थित शनि मंदिर पर आयोजन चल रहे हैं।
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