नई दिल्ली (New Delhi)। सत्ता बरकरार (power intact)रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party)शक्ति को साधने में लगे हैं। 2024 के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) के प्रचार अभियान (Advertising campaign)के केंद्र में आधी आबादी को ही रखा गया है। प्रधानमंत्री की रैलियों में मंच पर महिलाओं को खास तवज्जो दी जा रही है। मंच पर आधी आबादी की मौजूदगी बढ़ाई गई है। पीएम की सभी रैलियों का संचालन भी भाजपा की महिला नेत्रियों से ही कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री का संदेश आधी आबादी तक पहुंचाने का जिम्मा भाजपा महिला मोर्चा को सौंपा गया है।
2014 में अबकी बार मोदी सरकार से शुरुआत करने वाली भाजपा 2024 में फिर एक बार मोदी सरकार के नारे के साथ मैदान में है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हर चुनाव में पार्टी नई रणनीति के साथ उतरती रही है। संसद में 27 साल से लटके नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पास कराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लिए चुनावी चौसर सजा दी थी। रही-सही कसर तब पूरी हो गई, जब भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के शक्ति से लड़ने संबंधी बयान को आधी आबादी से जोड़कर हमला शुरू कर दिया।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान के केंद्र में शक्ति यानी आधी आबादी है। पीएम अब तक प्रदेश में तीन चुनावी रैलियां कर चुके हैं। पहली 31 मार्च को मेरठ, दूसरी 6 अप्रैल को सहारनपुर और तीसरी नौ अप्रैल को पीलीभीत में हुई। हर रैली का संचालन किसी न किसी महिला नेत्री से कराया गया। रैलियों में प्रधानमंत्री शक्ति को लेकर विपक्ष को घेरने में जुटे हैं। नवरात्र के पहले दिन हुई पीलीभीत रैली में तो उन्होंने इस मुद्दे को और धार दी।
अब तक भाजपा ने 70 में से दिए सात टिकट
भाजपा ने अब तक 70 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है। इनमें से सात सीटों पर महिला प्रत्याशियों को उतारा गया है। इनमें मथुरा से हेमा मालिनी, अमेठी से स्मृति ईरानी, सुल्तानपुर से मेनका गांधी, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, धौरहरा से रेखा वर्मा, बाराबंकी से राजरानी रावत और लालगंज से नीलम सोनकर को प्रत्याशी बनाया है। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा ने 10 महिलाओं को टिकट दिया था।
2014 व 2019 में महिलाओं की रही खास भूमिका
भाजपा में यदि मोदी युग की शुरुआत की बात करें तो इसमें आधी आबादी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। धीरे-धीरे महिलाओं को भाजपा ने अपनी कोर वोटर बना लिया है। जानकारों की मानें तो भाजपा के चुनाव दर चुनाव बढ़ते वोट शेयर के पीछे भी आधी आबादी है। 2019 की बात करें तो महिलाओं ने मतदान में पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया था। तब पुरुषों ने 67.01 फीसदी तो महिलाओं ने 67.18 फीसदी मतदान किया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा को 2014 में 29 फीसदी, 2019 में 36 फीसदी और 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में 46 फीसदी महिलाओं के वोट मिले थे।
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