उज्जैन: उज्जैन (Ujjain) को बाबा महाकाल की नगरी के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण (lord shree krishna) की शिक्षा स्थली के नाम से भी जाना जाता है. शहर में भगवान श्री कृष्ण के कई प्राचीन मंदिर (ancient temple) है. जिसमें शहर में स्थित इस्कॉन मंदिर की बात करे तो यहां भीषण गर्मी (Scorching heat) के प्रकोप से भगवन श्री कृष्ण, राधा व गुरु सांदीपनि को बचाने के लिए व उन्हें शीतलता ठंडक प्रदान करने के लिए ख़ास इंतजाम किए गए है. जिसमें मुख्य रुप से भगवान को चंदन का लेप लगाया जा रहा है.
साथ ही मंदिर के गर्भ गृह में भगवान की प्रतिमा (god statue) के आस-पास अत्याधुनिक एसी लगाए गए हैं. जो भगवान को शीतलता व ठंडक (coolness) प्रदान कर रहे हैं. वहीं मंदिर के पुजारी पंडित राघव दास की माने तो चैत्र माह के बाद जेठ माह में गर्मी का प्रकोप बड़ जाता है. जिसके लिए अभी से भगवान को चंदन जो सबसे ठंडा व शुद्ध होता है. पूजन के दौरान चंदन का लेप लगाया जा रहा है. बात उज्जैन की करें तो जिले में बीते कई दिनों से पारा 38 से 40 के बीच बना हुआ है. लेकिन पिछले दो दिन में 41 के पार तापमान पहुंच चुका है.
ऐसे में आम जनता को घर मे रहने व जरूरी होने पर बाहर निकलने की सलाह के साथ-साथ धार्मिक स्थलों में भगवान के लिए भी खास इंतजाम किए जा रहे हैं. गर्मी ही नहीं ठंड में भी भगवान के लिए गर्म पानी व अलाव की खास व्यवस्था की जाती है. मंदिर के पंडित राघव दास ने जानकारी देते हुए बताया कि जब हम भक्ति के प्रेम में लीन होते हैं, तो भगवान से हमारा एक अलग ही रिलेशन बन जाता है. जिसे हम तादात्म्य कह सकते है. भगवान को भी ग्रीष्म व शीलतला मौसम अनुसार महसूस होती है.
ऐसे में भीषण गर्मी को देखते हुए भगवान के गर्भ गृह में भगवान के आस पास हमने अत्याधुनिक AC इंस्टालेशन किए है. जिससे भगवन को गर्मी से राहत मिल सके. वहीं चैत्र माह के बाद जेठ माह में गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है. इसके लिए भी ख़ास तैयारियां अभी से की जा रही है. भगवान के लिए चंदन का लेप तैयार कर लगाया जा रहा है.
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