नई दिल्ली । लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने सोमवार को संसद भवन परिसर में लोक सभा सचिवालय द्वारा आयोजित 36वें संसदीय इंटर्नशिप कार्यक्रम (Parliamentary Internship Program) के प्रतिभागियों को संबोधित किया। संसदीय इंटर्नशिप कार्यक्रम में 17 देशों के 44 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
इस अवसर पर बिरला ने कहा कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य (democratic value) हमारी जीवन शैली है। भारत ने अपने संविधान के माध्यम से लोकतंत्र की समृद्धि सुनिश्चित की है। बिरला ने कहा कि हमारी परंपराएं और संस्कृति जीवन के सभी क्षेत्रों में लोकतांत्रिक मानदंडों (democratic norms) का पालन करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे संविधान के संस्थापकों ने हमारे लोगों की नियति का मार्गदर्शन करने के लिए संसदीय लोकतंत्र पर निर्णय लिया क्योंकि यह शासन का सबसे अच्छा रूप है और प्रारम्भ से ही भारत (India) अन्य देशों के लिए संसदीय लोकतंत्र का मार्गदर्शक रहा है।
भारत की विविधता का उल्लेख करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह विविधता ही हमारी ताकत है और हमारा लोकतंत्र इसी विविधता पर फल-फूल रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान होने के साथ साथ भारतीय संविधान ने लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बल पर भारत की विविधता और लोकतंत्र को साथ रखा है। उन्होंने कहा कि 17 से अधिक आम चुनावों और 300 से अधिक राज्यों के चुनावों में सत्ता का सुचारू हस्तांतरण भारत के संसदीय लोकतंत्र और इसकी नागरिक केंद्रित संवैधानिक प्रणाली की ताकत को दर्शाता है।
लोक सभा सचिवालय (प्राइड) द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षण-प्रशिक्षण एक आजीवन प्रयास है और विचारों और सूचनाओं के आदान-प्रदान के साथ-साथ सक्रिय चर्चा से संस्थानों में अधिक जवाबदेही एवं पारदर्शिता आती है। उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श यह सुनिश्चित करता है कि शासन और संसदीय प्रणाली से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं को सभी प्रतिभागी आत्मसात करें।
लोक सभा की रिकॉर्ड उत्पादकता के संदर्भ में बिरला ने कहा कि संसद में उच्च स्तर (high level) की बहस और चर्चा के कारण पूरे देश में बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हुआ है। श्री बिरला ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपनी शासन प्रणाली में अपने अनुभवों और प्रथाओं को साझा करें ताकि ज्ञान और सूचना से लोकतांत्रिक संस्थाएं और मजबूत बनें।
इस अवसर पर महासचिव लोक सभा उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया और लोक सभा सचिवालय में संयुक्त सचिव सिद्धार्थ महाजन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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