नई दिल्ली । हर मंदिर (Temple) में देखा जा सकता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) के सामने ही उनके वाहन नंदी (Vahan Nandi) की मूर्ति स्थापित होती है. जिस प्रकार भगवान शिव के दर्शन और पूजन का महत्व है, उसी प्रकार नंदी का दर्शन भी जरूरी होता है. कहा जाता है कि अगर अपनी मनोकामना नंदी के कान में कहीं जाए तो वे भगवान शिव तक उसे जरूर पहुंचाते हैं. शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि स्वयं भगवान शिव जी ने नंदी को यह वरदान दिया था कि जो तुम्हारे कान में आकर अपनी मनोकामना कहेगा उस व्यक्ति की सभी इच्छाएं जरूर पूरी होंगी.
ग्रंथों के अनुसार शिव जी हमेशा अपनी तपस्या में ही लीन रहते थे और उनकी तपस्या में कोई विग्न न पड़े इसलिए नंदी हमेशा शिवजी की सेवा में तैनात रहते थे. ऐसे में जो भी भक्त शिवजी के दर्शन को आते थे, वे नंदी के कानों में अपनी मनोकामना बोल कर चले जाते थे. नंदी के कानों से बात शिव जी तक जाती थी, इसलिए लोग मंदिरों में शिवजी के कानों में अपनी मनोकामना बोलते हैं. अगर आप भी नंदी के कान नमें कुछ कहना चाहते हैं तो जान लें कि नंदी के कान में अपनी समस्या या मनोकामना कहने के कुछ नियम होते हैं और उनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है.
अगर आप ऐसा करते है तो आपकी मनोकामना भगवान शिव तक पहुंच जाएगी और इसका फल आपको तुरंत प्राप्त होगा.
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