पौन घंटा देरी से पहुंची ट्रेन, मजदूरों ने चिल्लाकर रुकवाई ट्रेन
इंदौर। महू-इंदौर-रतलाम (Mhow-Indore-Ratlam) के बीच धकाई जा रही खटारा डेमू ट्रेनों (dilapidated DEMU trains) ने एक बार फिर यात्रियों (Passengers) की जान सांसत में डाल दी। मंगलवार दोपहर रतलाम से इंदौर (Ratlam to Indore) आ रही डेमू ट्रेन के पहियों से चिंगारियां (Sparks) और धुआं निकलने लगा। पटरियों पर काम कर रहे मजदूरों ने यह दृश्य देखा तो चिल्लाकर ट्रेन रुकवाई। ट्रेन पौन घंटे देरी से इंदौर पहुंची।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि डेमू ट्रेन दोपहर एक बजे रतलाम से रवाना हुई थी और नौगांवा पहुंचने से पहले ट्रेन के डीपीसी कोच (जनरेटर कार) के पहियों से चिंगारियां और धुआं निकलने लगा। ट्रेन जब घटनास्थल से गुजर रही थी तो वहां मजदूर देखकर चिल्लाए और ट्रेन रुकवाई। पहले यात्रियों को लगा कि शायद कोई ट्रेन के नीचे आ गया है। लोको पायलट और गार्ड ट्रेन के बीच में लगी जनरेटर कार तक पहुंचे। पहले सब्बल का इंतजाम कर ब्रेक के गुटके चक्कों से दूर करने के जतन किए गए और लोगों से पानी लेकर धुआं बंद कराया गया। करीब 20 मिनट तक रोकने के बाद ट्रेन को धीरे-धीरे नौगांवा तक लाया गया। वहां ट्रेन में गड़बड़ी की सूचना स्टेशन मास्टर को दी गई।
गर्मी में बंद करना पड़े पंखे
एहतियातन रेलवे स्टाफ ने ट्रेन की बिजली सप्लाई बंद कर दी, जिससे लोगों को दोपहर की गर्मी में परेशान होना पड़ा। आगे के स्टेशनों पर यात्रियों ने गार्ड से पंखे चालू करने का आग्रह किया तो दोबारा बिजली सप्लाई बहाल की गई। फतेहाबाद में समस्या दूर कर डेमू ट्रेन को रवाना किया गया और फिर ट्रेन अपनी सामान्य रफ्तार से करीब पौन घंटे देरी से शाम 4.15 बजे इंदौर आई। हालांकि जनसंपर्क विभाग ने ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से इनकार किया है।
जनप्रतिनिधि-अफसर चुप
महू-इंदौर-फतेहाबाद-रतलाम रेल लाइन विद्युतीकृत है। इसके बावजूद रेलवे इस रूट पर मेमू ट्रेनों के बजाय खटारा डेमू ट्रेनें दौड़ा रहा है, जो आए दिन बिगड़ती रहती हैं या उनमें आग लग जाती है। यात्रियों ने कहा कि शायद रेलवे किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। ये ट्रेन न केवल महंगे डीजल से चलाना पड़ रही हैं, बल्कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इन सब बातों की चिंता न जनप्रतिनिधियों को है, न रेल अफसरों को।
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