नई दिल्ली: SpaceX कंपनी (SpaceX Company) की 20 स्टारलिंक सैटेलाइट लॉन्च (20 Starlink Satellite Launch) होने के बाद आसमान से जमीन की ओर गिर पड़े. लेकिन धरती पर आने से पहले ही वायुमंडल (Atmosphere) में जल कर खाक हो गए. एक्सपर्ट्स ये जांच कर रहे हैं कि आखिर क्या गड़बड़ी हुई. लेकिन रॉकेट में किसी तरह की दिक्कत का अंदाजा लगाया जा रहा है. जब तक स्पेसएक्स फॉल्कन-9 रॉकेट की जांच नहीं कर लेता, तब तक इस रॉकेट से नई लॉन्चिंग नहीं की जाएगी. ये बात है 11 जुलाई की. कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से फॉल्कन-9 रॉकेट से स्टारलिंक सैटेलाइटस् को लॉन्च किया गया. लॉन्चिंग 10 जुलाई को होनी थी, लेकिन एक दिन बाद की गई.
लॉन्चिंग शुरूआत में बेहतरीन थी. रॉकेट के पहले स्टेज ने सही परफॉर्म किया. दूसरे स्टेज में सैटेलाइट लदे थे. पहला स्टेज तो अपना काम करके वापस प्रशांत महासागर में फ्लोटिंग बेस पर उतर आया. लेकिन दूसरे स्टेज का दूसरा बर्न नहीं हुआ. यानी इंजन ऑन नहीं हुआ उसका. बताया जा रहा है कि लिक्विड ऑक्सीजन लीक हो रहा था.
इसलिए दूसरे स्टेज का रॉकेट और 20 स्टारलिंक सैटेलाइट धरती के ऊपरी वायुमंडल में फंस गए. अटक गए. दूसरे स्टेज से सैटेलाइट निकल ही नहीं पाए. इस समय रॉकेट धरती से मात्र 135 किलोमीटर ऊपर था. जबकि इन सैटेलाइट्स को इस दूरी का दोगुना ऊपर जाना था. थोड़ी देर बाद वायुमंडलीय खिंचाव की वजह से सैटेलाइट समेत रॉकेट नीचे आने लगा.
जैसे ही सैटेलाइट समेत रॉकेट का दूसरा हिस्सा वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में आया. वो जलने लगा. पूरा वायुमंडल खत्म करके-करते रॉकेट के हिस्से और स्टारलिंक सैटेलाइट्स की मौत हो गई. जलकर खत्म हो गए. स्पेसएक्स के वैज्ञानिकों ने काफी ज्यादा प्रयास किया लेकिन बात बनी नहीं. फिलहाल अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) इस घटना की जांच कर रही है. इसके पहले पिछली साल भी एफएए ने स्पेसएक्स के स्टारशिप रॉकेट को भी ग्राउंडेड कर दिया था. क्योंकि वह भी लॉन्च के कुछ समय बाद ही फट गया था.
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