नई दिल्ली। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इसके साथ रेटिंग एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि आरबीआई अपनी अक्तूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती शुरू करेगा। एशिया प्रशांत के आर्थिक परिदृश्य में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.9 प्रतिशत पर बरकरार रखा है और कहा है कि भारत में ठोस वृद्धि से रिजर्व बैंक महंगाई दर को अपने निर्धारित दायरे में लाने पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा।
एसएंडपी ने कहा, “भारत में जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर धीमी रही, क्योंकि उच्च ब्याज दरों ने शहरी मांग को प्रभावित किया, यह पूरे वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए हमारे 6.8 प्रतिशत जीडीपी के अनुमान के अनुरूप है।”
एसएंडपी ने कहा कि जुलाई में पेश किए गए केंद्रीय बजट के अनुसार सरकार राजकोषीय समेकन और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सार्वजनिक व्यय करना जारी रखेगी। बजट में मार्च 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 11.11 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय निर्धारित किया गया है। एसएंडपी ने कहा कि आरबीआई खाद्य मुद्रास्फीति को दरों में कटौती के लिए एक बाधा मानता है। उसका मानना है कि जब तक खाद्य कीमतों में वृद्धि की दर में स्थायी और सार्थक गिरावट नहीं आती, तब तक हेडलाइन मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बनाए रखना मुश्किल होगा।
एसएंडपी ने कहा, “हमारा दृष्टिकोण अपरिवर्तित बना हुआ है: हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई जल्द से जल्द अक्टूबर में दरों में कटौती शुरू कर देगा और इस वित्तीय वर्ष (मार्च 2025 को समाप्त होने वाला वर्ष) में दो बार दरों में कटौती की योजना बनाई है।”
एसएंडपी को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत रहेगी। आरबीआई की ब्याज दर निर्धारित करने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक 7-9 अक्तूबर को होनी है। मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2023 से बेंचमार्क ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved