सोयाबीन प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत माना जाता है। इसमें तकरीबन 36-40 प्रतिशत प्रोटीन होता है। इसके लिए सोयाबीन को सुपरफूड कहा जाता है। डॉक्टर्स हमेशा बीमार व्यक्ति को सोयाबीन खाने की सलाह देते हैं। इसमें प्रोटीन, एमिनो एसिड के अलावा विटामिंस और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।
साथ ही विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन ई की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त सोयाबीन में आइसोफ्लेवॉन्स नामक गुणकारी तत्व पाया जाता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण दवा है।
इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। कई शोध में खुलासा हो चुका है कि डायबिटीज के मरीजों को सोयाबीन का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे पहले सोयाबीन को लेकर जानकारों में मतभेद थे। कई शोध ने भी सोयाबीन को डायबिटीज के लिए कारगर नहीं बताया था।
अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में सोयाबीन को जरूर शामिल करें। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
एक शोध के अनुसार, डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं। टाइप 1 डायबिटीज में अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलता है, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज में अग्नाशय से इंसुलिन निकलना पूरी तरह से बंद हो जाता है। साथ ही रक्त शर्करा स्तर बहुत बढ़ जाता है। इसके लिए टाइप 2 को अधिक खतरनाक माना जाता है। यह एक लाइलाज बीमारी है जो जिंदगीभर साथ रहती है। इसे दवा और परहेज से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए डाइट में सोयाबीन जरूर शामिल करें।
The American Diabetes Association की शोध में सोयाबीन के फायदे को बताया गया है। सोयाबीन में एमिनो एसिड पाया जाता है। सोया प्रोटीन में ग्लाइसिन और अर्गिनीन पाए जाते हैं जो शर्करा रक्त यानी बल्ड शुगर कंट्रोल करने में सहायक होते हैं।
ऐसे करें सेवन
सोयाबीन की सब्जी बनाकर सेवन कर सकते हैं। वहीं, सोयाबीन को फ्राई कर स्नैक्स रूप में भी सेवन कर सकते हैं। जबकि, सोयबीन पाउडर की टिक्की बनाकर भी सेवन किया जा सकता है। एक चीज़ का जरूर ध्यान रखें कि रोजाना सोयाबीन का सेवन जरूर करें।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी होने की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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