सीहोर। बारिश रूकने के बाद किसानों ने अचानक से खेतो का रूख कर लिया है, क्योंकि सोयाबीन की फसल पककर तैयार हो गई है। मौसम के बार बार बदलते समीकरण को देखकर किसान जल्द से जल्द ज्यादा ज्यादा से मजदूर लगाकर अपनी सोयाबीन की फसल को काट लेना चाहता है ताकि वह फसल समय पर बेच सकें और अपनी अगली फसल की बोवनी की तैयारी कर सकें। हालांकि जो खेत गीले हैं उनमें हार्वेस्टर मशीनों के नहीं जाने से किसानों को मजदूरों से कटाई कराना पड़ रही है। इस वजह से एकाएक मजदूरी के रेट भी बढ़ गए हैं। जिसके चलते किसानों को कटाई महंगी पड़ रही है। शुरुआत में जहां मजदूरी के रेट ढाई सौ थे तो वहीं अब तीन सौ से लेकर 400 रुपए मजदूर ले रहे हैं।
300 से लेकर 400 रुपए मजदूर ले रहे हैं
मौसम को देखते हुए किसान भी अधिक से अधिक मजदूर लगाकर कटाई कराने में जुटे हुए हैं। कटाई का असर गांव की चौपाल से लेकर बाजारों के सूनेपन से दिखाई देने लगा है। क्षेत्र में पहले की बोवनी के सोयाबीन की फसल 1 सप्ताह पहले पक कर तैयार हो गई थी। इस बीच लगातार बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। जिससे किसानों में फसल खराब होने की चिंता साफ तौर पर दिखाई देने लगी थी। क्योंकि पहले ही अति वर्षा के चलते खेतों में पानी भरा होने की वजह से सोयाबीन की फसल गल चुकी है। जिससे उत्पादन पर भी असर देखने को मिल सकता है। हालांकि जो ढलाऊ खेत हैं उनके सोयाबीन का अच्छा उत्पादन होने की उ मीद जताई जा रही है। इस समय अधिकांश किसानों की सोयाबीन की फसल की कटाई जोर शोर से चल रही है। इसमें उन किसानों को काफी परेशानी हो रही है जिनके खेतों में अभी पानी भरा हुआ है तथा खेत गीले हैं। यहीं कारण है कि एकाएक मजदूरों के रेट में इजाफा हो गया है।
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