गुना। खरीफ सीजन की बोवनी (Kharif season sowing) के लिए 20 जुलाई तक का समय था। इसके लिए 3,31,000 हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी का लक्ष्य रखा गया था, जिसके मुकाबले 81 फीसद बोवनी हो चुकी है। खास बात यह कि इस साल जिले की प्रमुख फसल सोयाबीन (Soybean) का रकबा घटकर 38 फीसद रह गया है। वहीं मक्का लक्ष्य से 30 और उड़द 16 फीसद ज्यादा क्षेत्र में बोई गई है। इसके अलावा ज्वार, मूंग, धान आदि फसलों में भी किसानों ने रुचि दिखाई है।
दरअसल, इस बार खरीफ सीजन के लिए कृषि विभाग ने 331000 हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन बारिश की खेंच के चलते पहले बोवनी पिछड़ी, तो जिन किसानों ने हल्के पानी के बाद बोवनी कर दी थी, उनकी फसलें सूखने की कगार पर पहुंच गईं। ऐसे में कई किसानों ने पानी गिरने के बाद दोबारा बोवनी की।
इधर, कृषि विभाग ने 20 जुलाई तक ही बोवनी की सलाह दी थी, जिसमें भी आखिर के दिनों में सोयाबीन को छो?कर मूंग, उड़द आदि की बोवनी के लिए कहा था। इस तरह अब तक 270345 हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी हो सकी है यानी लक्ष्य के मुकाबले 81 फीसद बोवनी हो चुकी है। हालांकि, कृषि विभाग का अनुमान है कि अभी खेतों में बोवनी का कार्य जारी है, तो उम्मीद है कि 90 प्रतिशत तक खरीफ की बोवनी हो सकती है।
सोयाबीन से उचटा अन्नादाता का मन
गतवर्ष खरीफ सीजन में किसानों ने 2.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी की थी। लेकिन इस साल अन्नादाता का मन सोयाबीन से उचट गया। यही वजह है कि सोयाबीन उत्पादन के मामले में अव्वल रहने के बाद भी जिले में महज 38 फीसद क्षेत्र में सोयाबीन को बोया गया है। इसके पीछे की वजह किसानों ने लगातार प्राकृतिक आपदा में फसल को नुकसान की बात कही है। खास बात यह कि इस खरीफ सीजन में सोयाबीन से जहां अन्नादाता ने दूरी बनाई है, तो मक्का, उड़द और मूंग का रकबा बढ़ा है। जिले में मक्का का लक्ष्य 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र था, जिसके मुकाबले 82195 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का बोई गई है। इसी तरह उड़द का लक्ष्य 10500 हेक्टेयर क्षेत्र था, जिसके विपरीत 64500 हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी की गई है। इसी तरह मूंग, ज्वार, धान आदि फसलों के रकबा में भी इजाफा हुआ है।
जिले में 3.31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बोवनी के लक्ष्य के मुकाबले 270345 हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी हो चुकी है। वर्तमान में कई क्षेत्रों में बोवनी जारी होने से लक्ष्?य 90 फीसद तक पहुंचने का अनुमान है। इस साल किसानों ने सोयाबीन के साथ ही अन्य फसलों की ओर रुख किया है। इसके चलते सोयाबीन का रकबा घटा है।
– अशोक उपाध्याय, डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग गुना
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