लखनऊ। ताजा शोधों के मुताबिक भारत में हर तीसरा व्यक्ति फैटी लिवर (Fatty liver) की समस्या से पीड़ित है। अनियमित जीवनशैली, खानपान और बढ़ता मोटापा इसकी प्रमुख वजह है। हरी सब्जी और फल का सेवन और रोटी और चावल का कम प्रयोग लिवर को स्वस्थ रखता है। यह जानकारी केजीएमयू गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. सुमित रुंगटा ने दी। इसके साथ ही नियमित व्यायाम, वजन पर नियंत्रण और शराब आदि के सेवन को बंद करके आप स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं। कई अन्य प्रकार की बीमारियों से खुद को बचा भी सकते हैं।
विश्व लिवर दिवस की पूर्व संध्या पर रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आईएमए भवन में केजीएमयू के डॉ. सुमित रुंगटा, पीजीआई के डॉ. गौरव पांडेय और आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मनीष टंडन ने लिवर की बढ़ती बीमारी पर चिंता जताई। डॉ. सुमित रुंगटा ने बताया कि हर किसी व्यक्ति को अपने शरीर को सही रखने के लिए कम से कम एक घंटा व्यायाम जरूर करना चाहिए। प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन फायदेमंद होते हैं।
कई बीमारियों को जन्म
डॉ. सुमित ने बताया कि हाल में हुए कई शोधों में यह निष्कर्ष निकला है कि मोटापा होने से फैटी लिवर की समस्या के साथ ही डायबिटीज, बीपी आदि की बीमारी भी बढ़ती है। उन्होंने बताया कि फैटी लिवर तब होता है, जब लिवर कोशिकाओं में अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है।
फैटी लिवर खतरनाक
पीजीआई के डॉ. गौरव पांडेय ने बताया कि यदि समय से इलाज न कराया जाए तो फैटी लिवर और भी गंभीर हो सकता है। जैसे लिवर में सूजन, फाइब्रोसिस और यहां तक कि लिवर कैंसर भी। इन जटिलताओं को रोकने के लिए शुरुआती पहचान और जीवनशैली में बदलाव बहुत जरूरी है।
ये काम जरूरी
– कम से कम 45 मिनट नियमित व्यायाम।
– उम्र, लंबाई के हिसाब से वजन नियंत्रित रखना।
– हर छह माह पर नियमित रूप से एलएफटी जांच करवाना।
– शराब का सेवन सीमित या बंद करना।
-लिवर के उचित कामकाज के लिए पानी का सेवन करना।
– धूम्रपान बंद करना।
– किसी भी बीमारी पर डॉक्टर के बताने पर दवा का सेवन करना।
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