सियोल। दक्षिण कोरिया सरकार 2026 तक कोरिया का पहला कृत्रिम सूर्य ‘केस्टार’ बनाने के लिए तकनीकी विकसित करने की योजना बना रही है। यह सूर्य 300 सेकंड में 10 करोड़ डिग्री तक तापमान बनाए रख सकता है। 300 सेकंड परमाणु संलयन प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण के लिए आवश्यक न्यूनतम समय है।
देश के विज्ञान और आईसीटी मंत्रालय ने घोषणा की कि उसने कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ फ्यूजन एनर्जी में 16वीं राष्ट्रीय संलयन समिति का आयोजन कर परमाणु संलयन ऊर्जा विकास की चौथी बुनियादी योजना (2022-2026) को अंतिम रूप दिया है।
विज्ञान मंत्रालय हर 5 साल में परमाणु संलयन ऊर्जा विकास के लिए अपनी नीतियों के लक्ष्य और निर्देश निर्धारित करता है। योजना के अनुसार, यह कृत्रिम सूर्य प्रयोगों के क्षेत्र में परिचालन प्रौद्योगिकी में सुधार करना जारी रखेगा। सरकार ‘केस्टार’ के साथ पृथ्वी पर इस सिद्धांत को कृत्रिम रूप से लागू करके बिजली जैसी बिजली का उत्पादन करने का लक्ष्य बना रही है।
कोरियाई शोध दल ने पहली बार 2018 में ‘केस्टार’ को 1.5 सेकंड के लिए 10 करोड़ डिग्री पर बनाए रखने में सफलता पाई थी। ‘केस्टार’ पिछले साल 20 व इस साल 30 सेकंड के लिए यह क्षमता बनाए रखने में सफल रहा।
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