डेस्क: अमेरिका के कैलिफोर्निया में तबाही मचाने के बाद अब जंगल की आग ने दक्षिण कोरिया में भीषण विनाश किया है. देश के दक्षिणी क्षेत्र में लगी इस आग में अब तक कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के अनुसार, मृतकों में चार अग्निशामक और सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं.
सूत्रों के अनुसार, बुधवार को अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस आग में अब तक 200 से ज्यादा इमारतें राख हो चुकी हैं, जबकि 27 हजार से अधिक लोग अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. इसे दक्षिण कोरिया के इतिहास की सबसे भीषण जंगल की आग बताया जा रहा है.
दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने बताया कि यह आग शुक्रवार को लगी थी और अब तक की सबसे खतरनाक आग साबित हो रही है. हान ने कहा, “नुकसान लगातार बढ़ रहा है. ऐसी भीषण आग पहले कभी नहीं देखी गई. हमें इस सप्ताह पूरी ताकत झोंककर इसे बुझाने की कोशिश करनी होगी.”
उन्होंने बताया कि रातभर तेज हवाओं के कारण आग बुझाने के प्रयासों में कर्मचारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बुधवार को आग बुझाने के लिए लगभग 4,650 दमकलकर्मी, सैनिक और अन्य कर्मचारी तैनात थे, जो 130 हेलीकॉप्टरों की मदद से राहत कार्य में जुटे रहे. हान ने उम्मीद जताई कि गुरुवार को हालात में कुछ सुधार हो सकता है.
दक्षिण कोरिया की सरकार के आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र ने बताया कि इस भयानक आग में 1300 साल पुराना बौद्ध मठ भी पूरी तरह जलकर खाक हो गया है. कोरिया हेरिटेज सर्विस के अधिकारियों के अनुसार, उइसोंग में लगी इस आग ने 7वीं शताब्दी में निर्मित गौंसा मठ को भारी नुकसान पहुंचाया है. अनुमानों के मुताबिक, अब तक यह आग करीब 43,330 एकड़ जमीन को अपनी चपेट में ले चुकी है, जिससे बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है.
देश के दक्षिण-पूर्वी शहरों और कस्बों के अधिकारियों ने मंगलवार को लोगों को शहर खाली करने के निर्देश जारी किए थे. दक्षिण कोरिया के गृह मंत्रालय के अनुसार, इस भीषण आग से एंडोंग, उइसोंग, सांचोंग और उल्सान जैसे शहरों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि दमकलकर्मियों ने कुछ इलाकों में आग की लपटों को काफी हद तक बुझा दिया था, लेकिन शुष्क मौसम और तेज हवाओं के चलते आग फिर से भड़क उठी, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए हैं.
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