सोल । दक्षिण कोरिया (South Korea) ने भूकंप प्रभावित म्यांमार के लोगों के लिए (For earthquake-hit Myanmar People) 20 लाख डॉलर की सहायता देने का फैसला किया है (Decided to provide aid of 20 Lakh Dollars) । सोल के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने कहा, “हमने म्यांमार में विनाशकारी भूकंप से हुई क्षति की जल्द भरपाई के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के जरिए 20 लाख डॉलर की मदद देने का फैसला किया है।” मंत्रालय ने कहा कि वह म्यांमार की स्थिति के आधार पर, अगर जरूरत पड़ी तो और मदद देने पर विचार करेगा।
म्यांमार थाईलैंड में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। ऐसी विषम स्थिति में दुनिया ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इस बीच एक्स के मालिक एलन मस्क ने भी पेशकश की है। उनके मुताबिक ये आपदा की घड़ी में कम्युनिकेशन में मदद करेगा। मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, थाईलैंड और म्यांमार में भूकंप के कारण हुए नुकसान के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। स्पेसएक्स की टीम संचार आवश्यकताओं और राहत प्रयासों में सहायता के लिए स्टारलिंक किट प्रदान करने के लिए तैयार है। दरअसल, स्टारलिंक एक सैटेलाइट कॉन्सटेबुल सिस्टम है जिसका उद्देश्य वैश्विक इंटरनेट कवरेज देना है। यह सिस्टम ग्रामीण और भौगोलिक रूप से अलग-थलग क्षेत्रों के लिए आदर्श है जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी न के बराबर होती है।
म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम के अनुसार, म्यांमार में आए भूकंप में कम से कम 1,002 लोग मारे गए, 2,376 घायल हुए और 30 लोग लापता हैं। म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे परिवहन और संचार व्यवस्था में बड़ी दिक्कतों के बावजूद बचाव कार्य तेजी से जारी हैं। सागाइंग के पास आए इस भूकंप के बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता के 12 बाद के झटके महसूस किए गए, जिससे प्रभावित इलाकों की स्थिति और भी खराब हो गई। तबाही बहुत बड़ी है और मांडले, बागो, मैगवे, उत्तर-पूर्वी शान राज्य, सागाइंग और ने-पी-ताव सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके हैं। म्यांमार सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है। आपातकालीन टीमें जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए लगातार काम कर रही हैं।
यांगून-मांडले राजमार्ग, जो एक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग है, नेपीता और मांडले के पास बुरी तरह से टूट गया है, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। भूकंप प्रभावित इलाकों में पहुंचने और बचाव कार्य में मदद के लिए लोगों ने पुराने यांगून-मांडले मार्ग का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा, मांडले एयरपोर्ट और राजमार्ग के कुछ हिस्सों में इमारतें गिरने से यांगून और मांडले के बीच यात्रा और भी मुश्किल हो गई है। निचले म्यांमार से अग्निशमन सेवा कर्मियों सहित बचाव दल नेपी ताव और मांडले जैसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों में पहुंच गए हैं। हालांकि, टूटी-फूटी सड़कें, बिजली की कटौती और फोन और इंटरनेट सेवाओं में दिक्कतों ने राहत कार्यों को और मुश्किल बना दिया है।
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