नई दिल्ली । भारत ने चीन के विरोध को दरकिनार करते हुए दक्षिण चीन सागर में एक युद्धपोत तैनात कर दिया है। यह वही क्षेत्र है जहां चीन हमेशा भारत के युद्धपोतों का विरोध करता रहा है। अब भारतीय नौसेना अंडरवाटर जहाजों, अन्य मानवरहित सिस्टमों और सेंसरों को तुरंत हासिल करके तैनात करने की योजना बना रही है। इसके अलावा भारतीय नौसेना जिबूती इलाके के आसपास मौजूद चीनी जहाजों पर भी नजर बनाए रखे हुए है।
भारतीय नौसेना ने पिछले माह जब अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर युद्धाभ्यास शुरू किया था, तब पहले से ही दो अमेरिकी सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज और रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास करके चीन को हिन्द महासागर में घेरने का संदेश दे रहे थे। इसके अलावा अमेरिकी नौसेना ने अपने विध्वंसक और फ्रिगेट तैनात किए थे। दक्षिण चीन सागर में तैनाती के दौरान भारतीय युद्धपोत लगातार अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ संपर्क बनाए हुए थे। रूटीन ड्रिल के हिस्से के रूप में भारतीय युद्धपोत को लगातार अन्य देशों के सैन्य जहाजों की आवाजाही की स्थिति के बारे में अपडेट किया जा रहा था। इसी बीच किसी भी सार्वजनिक चकाचौंध से बचने के लिए भारतीय नौसेना के युद्धपोत की तैनाती के पूरे मिशन को बहुत ही गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया।
इस बीच भारतीय नौसेना की ड्रिल शुरू होने के बाद अमेरिकी युद्धपोतों ने साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास खत्म कर दिया। यूएसएस रोनाल्ड रीगन तो लौट गया लेकिन अमेरिकी नेवी के सातवें बेड़े में शामिल एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज 18 जुलाई की शाम को अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के पास पहुंच गया। तब भारतीय नौसेना ने यहीं पर यूएसएस निमित्ज के साथ कई दिन युद्धाभ्यास भी किया। 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर्स के अलावा 3000 के आसपास अमेरिकी नौसैनिक लेकर पहुंचा यूएसएस निमित्ज कई दिनों तक हिन्द महासागर में गश्त लगाता रहा। चीनी नौसेना के मालवाहक जहाज इसी रास्ते से हिन्द महासागर में प्रवेश करते हैं और तेल या मर्चेंट शिपमेंट्स के साथ अन्य महाद्वीपों से आकर इसी रास्ते से वापस लौटते हैं।
इसीलिए भारतीय नौसेना ने युद्धाभ्यास के समय से ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास मलक्का स्ट्रेट्स में चीनी नौसेना की गतिविधि पर नजर रखने के लिए अपने फ्रंटलाइन जहाजों के अलावा कई युद्धपोतों, पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट तैनात कर रखे हैं। दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के युद्धपोत की तैनाती से चीनी नौसेना में बेचैनी का माहौल है। चीन ने कूटनीतिक वार्ता के दौरान भारत से दक्षिण चीन सागर में भारतीय युद्धपोत की तैनाती किये जाने का मुद्दा भी उठाया था। अमेरिकी युद्धपोत की तैनाती के समय भी चीनी नौसेना ने ऐतराज जताते हुए दावा किया था कि दक्षिणी चीनी सागर का अधिकांश हिस्सा उसके क्षेत्र में आता है। भारतीय नौसेना अब अंडरवाटर जहाजों, अन्य मानवरहित सिस्टमों और सेंसरों को तुरंत हासिल करके तैनात करने की योजना बना रही है। इसके अलावा भारतीय नौसेना जिबूती इलाके के आसपास मौजूद चीनी जहाजों पर भी नजर बनाए रखे हुए है।
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