वहीं स्पूतनिक-वी वैक्सीन को विकसित करने वाले जमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने हालांकि इस फैसले पर नाखुशी जाहिर की है। इंस्टीट्यूट ने कहा है कि नामीबिया का फैसला किसी साइंटिफिक एविडेंस या रिसर्च पर आधारित नहीं है। दक्षिण अफ्रीकी नियामक SAHPRA ने फैसला लिया है कि वह अपने देश में स्पूतनिक-वी के आपात इस्तेमाल को मंजूरी नहीं देगा। इसके पीछे दवा नियामक ने कहा है कि कुछ शोधों से यह पता लगता है कि स्पूतनिक-वी ममें एडेनोवायरस टाइप 5 वेक्टर है, जिसके इस्तेमाल से पुरुषों में एचाईवी होने की आशंका बढ़ जाती है।
नामीबिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि रूसी वैक्सीन के इस्तेमाल को बंद करने का उनका फैसला इस चिंता के सामने आने के बाद लिया गया है कि स्पूतनिक वी लेने वाले पुरुषों में संभवतः एचाईवी होने की आशंका ज्यादा होती है। विदित हो कि भारत में भी स्पूतनिक-वी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी। हालांकि, अभी तक ऐसी कोई आशंका सामने नहीं आई है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved