नई दिल्ली. लॉकडाउन और कोरोना वायरस के कारण कंपनियों को लगातार नुकसान हो रहा है। ऐसे में कंपनियां खुद के नुकसान को कम करने के लिए या तो कर्मचारियों को निकाल रही हैं, या फिर उनकी सैलरी में कटौती कर रही हैं। रोजाना कटौती या छंटनी करने की खबरें सुनने को मिल ही जाती है।
कंपनियों के इस रवैये से देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा काफी ज्यादा नाखुश नजर आ रहे हैं। इसे लेकर पहली बार उन्होंने बात की है। रतन टाटा का कहना है कि ऐसा लगता है जैसे कंपनियों की टॉप लीडरशिप में सहानुभूति की कमी हो गई है, जिसे देखकर मुझे काफी दुख होता है।
रतन टाटा का कहना है कि कंपनियों का ऐसा करना काफी ज्यादा गलत है। क्योंकि कंपनियां इस समय जिन कर्मचारियों को निकाल रही हैं, ये वो लोग हैं जिन्होंने कंपनी के लिए काम किया है। इन कर्मचारियों ने अपना पूरा करियर कंपनी के लिए लगाया है। संकट के समय आप इन्हें सपोर्ट करने की जगह बेरोजगार कर रहे हैं. संकट सिर्फ कंपनी के लिए नहीं बल्कि इन कर्मचारियों के लिए भी है।
रतन टाटा आगे कहते हैं कि हमारी कंपनियों को भी नुकसान हुआ है। लेकिन टाटा ग्रुप की किसी भी कंपनी में छंटनी नहीं हुई है। हालांकि नुकसान को संभालने के लिए हमने टॉप मैनेजमेंट की सैलरी में 20 फीसदी तक की कटौती की है। टाटा ने कहा कि मुनाफा कमाना गलत नहीं है लेकिन यह काम भी नैतिकता से करना जरूरी है। (एजेन्सी, हि.स.)
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