नमंजिलों को न हम रहगुजर को देखते हैं
अजब सफर है कि बस हम, सफर को देखते हैं।
तो भायांन आज जिक्र हो जाए कुछ सहाफियों (पत्रकारों) के अपने ठीए ठिकाने बदलने का। इस सिलसिले मे पेला जिक्र खैर होएगा सीनियर सहाफी रविंद्र केलासिया का। अबी चंद रोज पेलेई भाई मियां नवभारत में रेजिडेंट एडिटर की कुर्सी पे बैठई थे के इन्ने भां से अचानक से कल्टी खा ली। अपने यूं वहां से जाने पे रविंद्र केलासिया ने सोशल मीडिया पे एक जज्बाती पोस्ट डाली है। भाई लिखते हैं के कभी कभी जज्बातों में बह के गलत फैसले हो जाते हैं। दरअसल नवभारत में ऑलरेडी इत्ता रायता फैला हुआ है की उसे समेटना इनका क्या शायद ही किसी के बस का हो। बाकी क्या है साब किसी भी अखबार को आप उत्ताई लाइन पे ला सकते हो जित्ता मैनेजमेंट चाहता है। चलो होता है, चलता है, दुनिया है। आपके इस तजरबे से दूसरों को इबरत भी मिलेगी। आपको अगली मंजिल के लिए नेक ख्वाहिशात। उधर प्रदेश टुडे से 3 पत्रकारों ने विदा ले ली है। अखबार के भोपाल एडिशन के भन्नाट क्राइम रिपोर्टर रिजवान खान ने वहां 11 बरस काम करने के बाद अखबार छोडऩे का फैसला लिया। रिजवान मियां तांडव न्यूज को ज्वाईन कर रहे हैं। प्रदेश टुडे ग्वालियर से क्राइम रिपोर्टर अर्पण राऊत ने और जबलपुर से हर्षित चौरसिया ने अखबार से विदा लेली। सीनियर सहाफी अजय त्रिपाठी ने बतौर संपादक स्वराज एक्सप्रेस न्यूज चैनल ज्वाईन किया हैं। यहीं पत्रकार अतुल विनोद पाठक डिप्टी पॉलिटिकल एडिटर बन गए हैं। यहीं सलमान खान को प्रोग्राम हेड के ओहदे पे तरक्की मिल गई है। प्रवेश शुक्ल भी यहां नमूदार हो गए हैं। दीपक त्यागी ने फ्रीप्रेस जर्नल का हाथ थाम लिया है। जागरण में आर्ट एंड कल्चर देख रहे विकास वर्मा पीपुल्स समाचार के साथ हो लिए हैं। आप सभी हजरात को नए काम की दिली मुबारकबाद।
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